हुस्नआरा का यह ‘एहसान’ आखिर कैसे चुकाएगा उसका शहं-शाह

SANTOSH SHARMAट्रेडिशनल ढंग से सोचने वाले तपाक से कह देते हैं कि ये इश्क नहीं आसां. मगर जमाने से इतर इश्क को आसां कर दिखाया हुस्नआरा ने. क्योंकि उसके इरादे नेक और बुलंद थे. इश्क के लिए जमाने को ललकार कर उसने गले के फंदे का बोसा लिया, ऊपरवाले ने खुद आकर उससे पूछा बता तेरी रजा क्या है. मुड़ियापुर गांव में एक लड़की की जिद ने उसके परिवार वालों को उसके प्रेमी से शादी करने के लिए झुका दिया………..सिकन्दरपुर से संतोष शर्मा की रिपोर्ट

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जिद्द भी उसने इतने जतन से किया कि पूरा मुड़ियारपुर चौंधिया गया

सिकंदरपुर नगर से सटे मुड़ियापुर की रहने वाली हुस्नआरा (18) पुत्री कमरून शाह का पड़ोस के ही मो0 एहसान शाह (22) पुत्र रफीक शाह से पिछले कई वर्षों से प्रेमप्रसंग चल रहा था.   दोनों छुप-छुपकर अकेले मिलते रहें और साथ जीने मरने की कसमें खाते रहे. इसकी भनक जब परिवारवालों को लगी तो उन्होंने लड़की पर बंदिशे लगानी शुरू कर दी. लेकिन अपने प्रेमी से जीने मरने का वादा कर चुकी लड़की अपने परिवार से बार-बार यह कहती रही कि मैं जब शादी करूंगी तो अपनी प्रेमी के साथ. इस पर बुधवार के दिन लड़की का अपने मां-बाप और भाई से जम के बहस भी हुआ. लड़की की मां ने साफ शब्दों में कह दिया कि तुम्हारी शादी हमारे पसंद के लड़के से होगी. इस पर लड़की अपनी मां को कही कि मैं जीते जी अपने प्रेमी का नहीं हो सकती तो मर कर उसी की होकर रहूंगी  और उसने दुपट्टे को फांसी का फंदा बनाकर पंखे की हुंक से लटक गई.

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उसके इश्क के चर्चे जब आम हुए जमाने ने भी सजदा किया

तब तक परिवार वालों की नजर उस पर पड़ी और वे लड़की को नीचे उतारे और खूब समझाया बुझाया.  यह बात पूरे मोहल्ले में आग की तरह फैल गई. काफी हो हल्ला के बाद दोनों तरफ से पंचायतें बैठीं. पंचायत में यह फैसला लिया गया कि जुमे की नमाज के बाद दोनों को निकाह करा दिया जाएगा. तब लड़की मानी और जुम्मे के दिन नमाज के बाद पुरानी मीर मस्जिद में  लड़के और लड़की दोनों का निकाह पढ़ाया गया. दोनों तरफ से मुमताज खान, कमरून खान, टिंकू खान, इम्तियाज, हसनैन साह, कलीम अंसारी, सद्दाम अंसारी, लाडो परवीन, हसीना आदि मौजूद रहे. लड़के की मां लड़की को बहु स्वीकार कर खुशी-खुशी अपने घर ले कर चली गई. इस शादी की चर्चा पूरे मोहल्ले में होती रही और कइयों ने इसकी सराहना भी की. खुदा ने जब इश्क बनाया होगा, तो खुद आजमाया होगा. हमारी तो औकात ही क्या है, इस इश्क ने (शायद) खुदा को भी रुलाकर हंसाया होगा.