हुस्नआरा का यह ‘एहसान’ आखिर कैसे चुकाएगा उसका शहं-शाह

ट्रेडिशनल ढंग से सोचने वाले तपाक से कह देते हैं कि ये इश्क नहीं आसां. मगर जमाने से इतर इश्क को आसां कर दिखाया हुस्नआरा ने. क्योंकि उसके इरादे नेक और बुलंद थे. इश्क के लिए जमाने को ललकार कर उसने गले के फंदे का बोसा लिया, ऊपरवाले ने खुद आकर उससे पूछा बता तेरी रजा क्या है. मुड़ियापुर गांव में एक लड़की की जिद ने उसके परिवार वालों को उसके प्रेमी से शादी करने के लिए झुका दिया………..सिकन्दरपुर से संतोष शर्मा की रिपोर्ट