गाजीपुर के युवाओं ने लगातार यात्रा कर के इतिहास रचा

गाजीपुर। कुछ करने का जूनून हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं. हौसले से कोई भी काम आसान हो जाता है. दुष्यंत कुमार के शब्दों में -कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता-एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…. को चरितार्थ करते हुए जोश और जुनून के साथ गाजीपुर के युवाओं ने ठान लिया था कि उनको एक इतिहास रचना है. और फिर पूरी शिद्दत से अपने देश का नाम रोशन करने के लिए जाड़े की परवाह किये बिना ही निकल पड़े. युवाओं का अविराम यात्री दल जब गाजीपुर लौटा तो नजारा देखने लायक था. हर किसी के जुबान से इनकी वाह-वाह वाही हो रही थी.

बता दें की शान्ति, प्रेम और भाईचारे के सन्देश के साथ लगातार यात्रा करके नया कीर्तिमान बनाकर इतिहास रचने वाला तेरह सदस्यीय अविराम यात्री दल वापस गाजीपुर पहुंचा है. ऑस्ट्रेलिया के 154.05 घण्टे के सापेक्ष 170.23 मिनट का नया विश्व कीर्तिमान बनाने के बाद गृह जनपद लौटे इस दल का गाजीपुर रेलवे स्टेशन पर लोगों ने फूल माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया.

इस अवसर पर लोगों ने इनकी जीत की खुशी में बैन्ड बाजे के धुन पर खूब डांस भी किया. नेहरू युवा केन्द्र से सम्बन्धित इस यात्री दल के लीडर पार्थ सिंह ने बताया कि 15 अक्टूबर को हमने ये अविराम यात्रा गाजीपुर से शुरू की थी और लक्ष्य था 154.05 घण्टे का ऑस्ट्रेलियाके दल द्वारा बनाया गया वर्ल्ड रिकॉर्ड जिसे हमने गाजीपुर से पन्द्रह जिले क्रॉस करते वाया फरीदाबाद राज घाट दिल्ली तक कुल 1012 किलोमीटर लगातार चलते हुए 170.23 घण्टे से तोड़ दिया.

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नेहरू युवा केन्द्र गाजीपुर से सम्बद्ध तेरह सदस्यीय अविराम यात्री दल को दिल्ली में खेल विभाग और सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है और गृह जनपद में विश्व कीर्तिमान बनाकर लौटने वाले इस तेरह सदस्यीय दल जिसमें तीन लड़कियां और दस लड़कों ने भाग लिया. सबका जोरदार स्वागत जनपद वासियों ने किया. हालांकि शिलान्यास और उद्घाटन में व्यस्त माननीयों ने इनका हाल पूछने की जरूरत नहीं समझी. जिसका इन विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले दल को मलाल है. लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र यादव ने तेरह सदस्यीय अविराम यात्री दल का स्वागत कर दल के लोगों का हौसला बढाया है.