गाजीपुर के युवाओं ने लगातार यात्रा कर के इतिहास रचा

कुछ करने का जूनून हो तो नामुमकिन कुछ भी नहीं. हौसले से कोई भी काम आसान हो जाता है. दुष्यंत कुमार के शब्दों में -कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता-एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…. को चरितार्थ करते हुए जोश और जुनून के साथ गाजीपुर के युवाओं ने ठान लिया था कि उनको एक इतिहास रचना है.