गंगा-जमुनी तहजीब के नुमाइंदे थे सुभानुल्‍लाह अंसारी

गाजीपुर। गंगा-जमुनी संस्‍कृति के प्रतीक सुभानुल्‍लाह अंसारी की 11वीं पुण्‍यतिथि पर युसूफपुर स्थित मजार पर फातिया पढ़ा गया. इस अवसर पर सुबह से ही उनके आवास मुहम्मदाबाद फाटक पर कुरानखानी की गयी. कड़ाके के ठंड को देखते हुए हजारों गरीबों व जरूरतमंदों में कंबत वितरण किया गया.

सुभानुल्‍लाह अंसारी का जन्‍म 29 दिसंबर सन् 1921 तथा उनकी मृत्‍यु भी 29 दिसंबर 2006 में हुआ था. यह ऊपरवाले की मेहरबानी थी कि उनका जन्‍म और मृत्‍यु की तारीख एक ही है. उनका शिक्षा-दीक्षा दिल्‍ली में हुई थी. वह कांग्रेस के तत्‍कालीन राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ. मुख्‍तार अंसारी के कोठी में रहकर अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी किये थे. इसलिए उनके जीवन व कार्यशैली में गरीबों की सेवा असहायों की मदद करने के मानवीय गुण का गहरा छाप था. वह जीवन पर्यन्‍त गरीबों की सेवा करते रहें. इसके लिए उन्‍होने व्‍यक्तिगत रूप से काफी कुर्बानियां दी. 1971 में वह मुहम्‍मदबाद नगर पालिका के निर्विरोध चेयरमैन चुने गये थे.

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नगर पालिका में एक बार आर्थिक संकट आ गया तो उन्‍होने अपनी जमीन बेंचकर सफाई कर्मियों का वेतन दे दिया था. सुभानुल्‍लाह अंसारी कौमी एकता के मिसाल थे. उन्‍हे हिंदू और मुसलमान दोनो समाज के लोग काफी इज्‍जत देते थे. वह हिंदुओं के तीज-त्‍योहारों में बढ-चढकर हिस्‍सा लेते थे. उनके दरवाजे से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता था. सुभानुल्‍लाह अंसारी दीन-दुखियों तथा रोगियों के भी सेवा करते थे. उन्‍हे पशु-पक्षियों से काफी लगाव था. आज सुबह से फाटक पर सैकड़ों मौल्‍लवियों द्वारा कुरानखानी की गयी. इसके बाद उनके मजार पर उनके पुत्र पूर्व सांसद अफजाल अंसारी, विधायक सिबगतुल्‍लाह अंसारी, युवजन सभा के प्रदेश सचिव शोएब उर्फ मन्‍नू अंसारी, अब्‍बास अंसारी, सद्दाम अंसारी, उमर अंसारी, मंशुर अंसारी आदि ने फातिया पढा. इसके बाद हजारों गरीबों में कंबल वितरण किया गया. इस अवसर पर रियाज अंसारी, ब्‍लाक प्रमुख रामकृत यादव, वीरेंद्र यादव, जिला पंचायत सदस्‍य अजय यादव, फेकू यादव, सपा के वरिष्‍ठ नेता शंभू अकेला, बलराम पटेल, सभासद राकेश यादव, पप्पू यादव आदि हजारों लोग मौजूद थे.