प्रो. योगेंद्र सिंह पहुंचे चंद्रशेखर के सपने साकार करने

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बलिया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलानुशासक रहे प्रो. योगेंद्र सिंह को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति नियुक्त होने के साथ ही जहां जनपद के हजारों शिक्षार्थियों का सपना मूर्त रूप ले लिया, वहीं लाखों लोगों की बरसों पुरानी साध भी पूरी हो गई. शुक्रवार को जननायक के आकांक्षाओं को अपने जेहन में समेटे बलिया की धरती पर पदार्पण करने वाले प्रो. सिंह ने राष्ट्रनायक के विचार, सपने, सोच और प्राथमिकता के साथ साथ बलिया की ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक समृद्धि को चंद शब्दों में रख कर अपनी प्राथमिकता को भी जता दिया.

कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शहीद मंगल पांडेय, हजारी प्रसाद द्विवेदी, जयप्रकाश नारायण और चंद्रशेखर जैसे व्यक्तित्व को अपने आंचल में पोसने वाली यह धरा सदियों से सभ्यता और संस्कृति की वाहक रही है. स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर चंद्रशेखर युग तक देश की दिशा को तय क़रने का काम किया है. कहा कि व्यावहारिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा का समन्वय कर विश्वविद्यालय को सफलता के नए आयाम तक पहुंचाना ही उनका लक्ष्य है.

इसे संयोग कहें या कुछ और कि चंदौली जनपद के ग्रामसभा जेवरिया बाद निवासी प्रो. सिंह के आदर्श राष्ट्रनायक चंद्रशेखर रहे हैं. अपने आदर्श पुरुष के नाम से संचालित इस विश्वविद्यालय के लिए संपूर्ण समर्पित प्रो. सिंह ने कहा कि बलिया की प्रतिभा को अब इधर उधर भटकने और परेशान होने की जरूरत नहीं है. विश्वविद्यालय को शिक्षार्थियों के अनुरूप समस्त शैक्षणिक गतिविधियों के समुचित निर्वहन का सशक्त माध्यम बनाने का संपूर्ण प्रयास होगा, ताकि सिर्फ बलिया ही नहीं, अपितु राष्ट्रीय फलक पर विश्वविद्यालय को स्थापित किया जा सके.

बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रो. सिंह 1986 में काशी विद्यापीठ के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 1990 से अध्यापन कार्य से जुड़ने वाले प्रो. सिंह छात्र जीवन में प्रखर समाजवादी चंद्रशेखर के साथ पद यात्राएं भी कर चुके हैं. पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इसी शैक्षिक सत्र की वार्षिक परीक्षाएं विश्वविद्यालय द्वारा करायी जाएंगी. बलिया की गौरवशाली परम्परा, इतिहास और चंद्रशेखर की मंशानुरूप इसे नित नई ऊंचाइया प्रदान करना ही मेरा उद्देश्य होगा.