नोटबंदी के विरोध में काशी के व्यापारियों ने भरी हुंकार

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वाराणसी। उद्योग व्यापार मंडल काशी के तत्वावधान में दशाश्वमेध घाट स्थित राजेंद्र प्रसाद घाट पर नोटबंदी के दौरान मौत की आगोश में समा गए लोगों की आत्मिक शांति के लिए मंडल अध्यक्ष विवेक कुमार गुप्ता (सदस्य राज्य वाणिज्य कर सलाहकार समिति, उत्तर प्रदेश सरकार) व न्याय मंच के अध्यक्ष विनोद निषाद के नेतृत्व में मां गंगा में दीप प्रज्वलित कर और फूल प्रवाहित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. बाबा विश्वनाथ से दिवंगतों की आत्मिक शांति के लिए इस मौके पर प्रार्थना भी किया गया. सभा की अध्यक्षता विवेक कुमार गुप्ता, संचालन न्याय मंच के अध्यक्ष विनोद निषाद ‘गुरु’ और कोषाध्यक्ष अनिल कुमार बिंद ने किया.

विशेष सत्र बुलाकर संसद में खुली बहस करवाएं प्रधानमंत्री

शोक सभा में व्यापार मंडल काशी के अध्यक्ष विवेक कुमार गुप्ता ने खुला आरोप लगाया कि काशी सहित देश के सारे समुदाय ने मोदी जी के बनावटी लच्छेदार भाषण पर एकजुट होकर देश की सबसे बड़ी पंचायत के लिए जीताकर भेजा. सारा देश बनावटी प्रलोभन में आकर पूर्ण बहुमत दिया, उसके बाद जो हुआ सबके सामने है. चुनाव के दौरान प्रलोभन दिया कि विदेश से सारा काला धन देश में आएगा. हर नागरिक 15-15 लाख का हकदार होगा. घोटालों में लिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. विकास की गंगा बहेगी. सबका साथ सबका विकास होगा. इस तरह के नारे देने वाले मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने तो काला धन विदेश से लाना तो दूर देश वासियों व व्यापारियों पर सीधा आघात किया. डिजिटल इंडिया का सपना दिखाकर जन समाज, व्यापारी समाज, किसान, मजदूर, नंद लाल जैसे हजारों बुजुर्गों सहित सवा सौ करोड़ को सड़कों पर नोट बंदी कर भिखारी की तरह खड़ा कर दिया. इसके चलते लगभग 110 लोगों की नगदी के अभाव में जान चली गई. इससे बड़ी विडम्बना क्यो होगी कि उन्हें प्रधानमंत्री ने श्रद्धांजलि तक देने की जरूरत नहीं समझी. इस मौके पर मांग की गई कि नगदी की किल्लत के चलते नोटबंदी के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को कम से कम 25-25 लाख की मदद सरकार तत्काल करे तथा साथ ही लोकसभा व राज्यसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस मुद्दे पर खुली बहस करवाए सरकार, ताकि देश की जनता के सामने इस नीति की असलियत का खुलासा हो सके.

नोटबंदी के चलते काशी में पर्यटकों में 60 फीसदी की गिरावट

व्यापारी नेताओं ने कहा कि बड़े-बड़े पूंजीपतियों को हजारों, लाखों करोड़ लोन दिया गया, जो एनपीए हो गया. छोटे व्यापारी कर्ज लेता है तो उससे दुनिया भर की औपचारिकताएं पूरी करवाई जाती है, इसके बाद भी लोन देने से इंकार कर दिया जाता है. लोन चुका देने के बाद भी कई व्यापारियों का उत्पीड़न किया जाता है. प्रधानमंत्री पहले यह जवाब दे कि कैशलेस भारत में साइबर क्राइम से बचने के क्या क्या उपाय या तैयारियां की गई हैं? साल 2017 में डेबिट व क्रेडिट कार्ड से 46 प्रतिशत व मोबाइल में गड़बड़ी से 21 प्रतिशत घपले हुए हैं. क्या इससे हुई क्षति की पूर्ति केंद्र सरकार या प्रधानमंत्री करेंगे? यदि कोई घटना या दुर्घटना होती है तो क्या उसकी जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी लेंगे? नोटबंदी के चलते सर्व समाज के साथ काशी के नाविक भी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. घाटों पर पर्यटकों की आमद 60 फीसदी घट गई है. लोगों के लिए घर खर्च चलाना मुश्किल है. क्या यही अच्छे दिन है? नाविक समाज भी परेशान है.

भाजपाई दिग्गजों के बच्चों की शादी में करोड़ों फूंके गए, जनता को क्या मिला

उपाध्यक्ष ध्रुव जी, गनेस लास कसेरा व अजय जायसवाल ने कहा कि अपने कुछ खास कारपोरेट घरानों को नोटबंदी में विशेष तौर पर लाभान्वित किया गया है. कई बड़े बड़े कारपोरेट घराने को बैंकिंग के अंतर्गत कई कई सौ करोड़ लोन दिए गए. इनमें से कइयों का लोन माफ भी कर दिया गया. कइयों का लोन रिकवरी न होने की वजह से एनपीए (नॉन परफॉरमिंग एसेट) में डाल दिया गया. जिसकी वजह से कई बैंक काफी नुकसान में चल रहे थे. इन बैंकों को कारपोरेट बैंकिंग के बजाय रिटेल बैंकिंग के जरिए प्रॉफिट में लाने के लिए आम जनता, मध्यम वर्ग, किसान, व्यापारियों व गरीब जनता को नोटबंदी की आड़ में शिकार बनाया गया. कालाबाजारी मजे में है. आज तक कोई बड़ा आदमी लाइन में लगा क्या? बैंकों द्वारा उनका ब्लैक पैसा व्हाइट कर दिया गया. जनता मर रही है, अपनी ही कमाई निकालने के लिए. लोगों के यहां शादियों में किल्लत, व्यापार ठप, किसान बेहाल, सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, जो असहयनीय है. प्रधानमंत्री द्वारा ली गई मोहलत के आज 42 दिन पूरे हो गए. वादे के अनुसार 50 दिन पूरे होते ही उद्योग व्यापार मंडल उनके खिलाफ अनोखा आंदोलन चलाएगा, इसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार की होगी.

 

व्यापारी से लेकर किसान-मजदूर तक  भुखमरी के कगार पर

प्रशासनिक मंत्री अशफाक शहजादे भाई व किशन शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के दौरान मारे गए आतंकवादियों के पास नई करेंसी मिल रही है. भाजपा नेता मनीष मिश्र से 37-38 लाख बरामद किए गए. दिल्ली सहित दर्जनों जगहों से नई करेंसी कई सौ करोड़ बरामद किया गया. दूसरी तरफ दो हजार रुपये के लिए बैंकों व एटीएम में 6-8 घंटे तक लाइनें लग रही है क्यों. व्यापार ठप है, व्यापारी से लेकर किसान-मजदूर तक  भुखमरी के कगार पर हैं. दूसरी तरफ आरोप है कि करोड़ों गाड़ियां व बाइकें, चुनाव प्रचार के लिए भाजपा खरीद रही है. विधान सभा चुनाव के दौरान व्यापारी आम लोगों को सरकार का चेहरा दिखाने का काम करेगा. इस काले कानून और तानाशाही का जवाब अगले विधानसभा चुनाव में जनता देगी.

जनहित का नारा दे नोटबंदी कर 125 करोड़ लोगों को अपनी ही कमाई के लिए तड़पाया जा रहा

मंत्री विष्णु सिंह व राजेश कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया कि देश की 60 प्रतिशत से अधिक जनता गांवों में रहती है. जिन्हें ठीक से मोबाइल रखना और चलाना नहीं आता. उनके बारे में मोदी जी ने कभी सोचा है क्या. अभी ठीक से साक्षरता भी नहीं है. कैशलेस और डिजिटल इंडिया का सपना दिखाना बंद करें मोदी जी. जनहित के बारे में सोचे. एक तरफ आतंकवाद व कालाबाजारी के खिलाफ जनहित का नारा देकर नोटबंदी कर 125 करोड़ लोगों को अपनी ही कमाई के लिए तड़पाया जा रहा है. बुजुर्ग महिलाएं और किसान लाइन में खड़े हैं. देश में आपातकाल जैसी स्थिति है. शादी विवाह वाले लोगों को नगदी मुहैया करवाने के लिए नौ – नौ शर्तें लगाई गई, फिर भी ज्यादातर को पैसा नहीं दिए गए. दूसरी तरफ मोदी जी की भाजपा सरकार के नेताओं के बेटे बेटियों की शादी में करोड़ों का खर्च हुए, जिसका ब्योरा नहीं मिला. इसकी जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए. कार्यक्रम में मुख्यतः अनिल कुमार बिंद, ध्रुव जी, गनेसलाल कसेरा, अजय जायसवाल, किशन कुमार जायसवाल, विष्णु सिंह, दिलीप गुप्ता, मो. अशफाक शहजादे, रमेश कुमार बिंद, सुरेश शर्मा, राजेश कुमार गुप्ता, अजय कुमार गुप्ता, पप्पू मोदनवाल, किशन शर्मा, गौरव सिंह विक्की, मनोज वर्मा मनु आदि मौजूद थे.