लगन के सीजन में हादसे हमारे लिए सबक हैं, बशर्ते…

गाजीपुर। समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रजभूषण दूबे आज काफी मर्माहत दिखे. उन्होंने अपनी पीड़ा को शब्दों में बयां करते हुए कहा कि मैंने अब तक दर्जनों दूल्हा-दुल्हन की गाड़ियों को दुर्घटना ग्रस्त होते एवं उन्हें असमय काल के गाल में समाते हुए देखा है. सभी दान में महादान कन्या दान कहा गया है. एक बाप अपने बेटे को सेहरे में देखने के लिए जितना खुश होता है, उससे कम खुशी एक पिता को भी कन्यादान के समय नहीं होती है. वह रोकर अपनी बेटी को विदा तो करता है, लेकिन उसे खुशी इस बात की भी होती है कि मैंने अपनी एक बहुत बडी जिम्मेदारी निभा दी.

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श्री दूबे कहते हैं कि हजारों आशीष एवं दुआ के साथ बिदाई सम्पन्न होती है. परन्तु प्रति दिन समाचार पत्र में इनके साथ घटी दुर्घटना से हृदय बिदिर्ण हो जाता है. थोड़ी सी सावधानी एवं बदलाव की अत्यन्त आवश्यकता है. ब्रजभूषण दूबे ने कहा की वैसे तो कोई भी इस बात को मान नहीं रहा है, विशेष रूप से बुद्धिजीवी वर्ग. शादी के उपरान्त दुल्हन को लेकर आने वाली गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त होती है और कई बार दोनों की ही इहलीला समाप्त हो जाती है. मेरे ख्याल से इसके कारण निम्नवत हो सकते हैं.

  • दूल्हा एवं दुल्हन पूरी रात वैवाहिक कार्यक्रम में जागते हैं, इसलिये वापस आते वक्त उन्हें नींद आती है. बगल वाली सीट पर सोने के कारण चालक भी सोने लगता है.
  • चालक पूरी रात जगता है कारण कि उसे कई बार दूल्हे को बारात से मंडप तक ले जाना ले आना होता है.
  • अधिकांश चालक नशे के आदी होते हैं.
  • कदाचित यदि बारात में आर्केस्ट्रा व नाच के कार्यक्रम हैं तो फिर सोने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
  • दुल्हन को लेकर घर पहुंचाने व फिर दूसरी लगन में जाने की जल्दी के कारण भी ऐसा होता है. इसके अतिरिक्त और भी कारण हो सकते हैं.
  • काश हम अपनी बुरी आदतों में सुधार कर दिन की शादियां, आडम्बर रहित शादियां, पटाके व डीजे रहित शादियां कर पाते. आपके डीजे से कितने दादा-दादी, चाचा-चाची, गोद के बच्चे, पशु-पक्षी मर गए. कितनों को दिल की बीमारी शुरू हो गयी. लोग आसानी से तर्क दे देते हैं कि अरे भइया,,,,शादी विवाह रोज होता है क्या. ब्रजभूषण दूबे ने आम जन से भी इस के लिए लोगों को जागरूक करने की बात कही.
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