बलिया। ददरी मेले का पहला रविवार वह दिन था. जिसका इन्तजार ददरी मेले के दुकानदार एक सप्ताह से कर रहे थे. उनके इन्तजार का माकूल तथा उत्साह वर्धक परिणाम सामने आया.
पूरे दिन मेले में मेलार्थियों की ठसाठस भीड़ देखी गयी. कोई ऐसा स्टाल या स्थाई दुकान नहीं थी, जहां ग्राहकों की भीड़ नहीं थी. दोपहर से लेकर देर रात तक मेले में तिल रखने की जगह नहीं थी. नोट बन्दी को लेकर हाय-तोबा मचाने वालों को इसे देखकर निराशा हुई होगी. जी हां, नोट बन्दी का कोई असर मेले पर दिखाई नहीं पड़ा. यह इस बात का सबूत है कठिनाइयां क्रमशः समाप्त हो रही हैं. लोगों ने यदि धैर्य रखा तो आगामी कुछ दिनों में इसक सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि नोट बन्दी के फैसले से दिहाड़ी मजदूर से लेकर किसान तक को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं, लेकिन इसे धैर्य से व्यापक संदर्भ में देखा जाना चाहिए. ददरी मेले की भीड़ जनमानस की निरन्तर कम हो रही परेशानियों की ओर इशारा कर रही है. उम्मीद है यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.
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