रोजगार सेवक कैसे कहें दिल से कि अखिलेश यादव फिर से

बलिया लाइव संवाददाता

सिकन्दरपुर (बलिया)।अपने चुनावी वादों में शिक्षा मित्रों और रोजगार सेवकों के स्थायीकरण को अब तक पूरा न कर पाने के कारण इसके तबके में विरोध का स्वर और तेज होता जा रहा है. सरकार ने जहां आधे से अधिक शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित करके प्रशंसा पाई है, वही शेष बचे शिक्षा मित्रों को समायोजित करने के लिए कसरत करती नज़र आ रही है. लेकिन चार साल बीत जाने के बावजूद अब तक रोजगार सेवकों का समायोजन न कर पाना उसे महंगा पड़ सकता है.

पूरे नहीं किए वादे फिर कैसे नए इरादे – बब्बन चौधरी

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

रोजगार सेवकों का कहना है कि हम लोगों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बातों पर भरोसा करके 2012 में सत्ता तक पहुंचाया था. हमें विश्वास था कि एक नौजवान अपनी पीढ़ी के दर्द को समझ कर निर्णय लेने में देर नहीं करेगा, परन्तु चार साल बाद अब लग रहा है कि हम लोगों को ठगा गया. अब सरकार हम लोगों के साथ किए वादे को पूरा किए बगैर कह रही है कि पूरे किये वादे,  अब नये इरादे. इस पर रोजगार सेवक संघ के जिलाध्यक्ष बब्बन चौधरी का कहना है कि चार साल पूरे,  चुनावी वादे अधूरे. ऐसी सूरत में कैसे कहे, कहो दिल से,  अखिलेश यादव फिर से. श्री चौधरी ने कहा कि आगामी 11 जुलाई को लखनऊ के रमाबाई धरना स्थल पर चल रहे धरने में जिले के सभी रोजगार सेवक भाग लेकर इस प्रदर्शन को सफल बनाएंगे. रोजगार सेवक अबकी बार बिना अपना हक लिए लौटने वाले नहीं है. लखनऊ प्रदर्शन में जाने के लिए संघ कार्यालय पर एक बैठक हुई, जिसमे 10 जुलाई को उत्सर्ग एक्सप्रेस से जाने का निर्णय किया गया. बैठक में अखिलानन्द सिंह, उपेन्द्र सिंह, इंद्रजीत, मनोज, लक्ष्मण, नमोनारायण, सुनील कुमार आदि मौजूद रहे.