बघाव गांव में युवक ने की खुदकुशी

बांसडीह (बलिया)।  सहतवार थाना क्षेत्र के ग्राम  सभा बघाव में मंगलवार की रात एक युवक ने गमछे के फन्दे से फांसी लगाकर आत्म हत्या कर लिया. बुधवार की सुबह घर वालों को इसकी जानकारी हुई. युवक जब अपने कमरे का दरवाज़ा खोलकर बाहर  नहीं निकल रहा था तो घर वालों के मन में आशंका हुई कि आखिर उसकी नींद अभी तक क्यों नहीं खुली. उसकी पत्नी ने जाकर दरवाज़ा खुलवाने की काफी कोशिश की, लेकिन दरवाज़ा नहीँ खुला. इसके बाद घर वालों ने दरवाज़ा तोड़ दिया. घर के अन्दर की स्थिति देख सभी लोग सन्न रह गए. लोग रोना धोना शुरू कर दिए. उसके  बाद 100 नंबर पर पुलिस की सूचना दिए. सहतवार पुलिस ने मौक़े पर पहुंच कर लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बलिया भेज दिया.

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घटना के सम्बन्ध में बताया जाता है कि बघाव निवासी मनीष चौबे (35) पुत्र स्व दीनानाथ चौबे प्रत्येक दिन  की भांति मंगलवार की शाम को खाना खा कर कमरे में सोने चला गया. बुधवार की सुबह जब नहीँ उठा तो उसकी पत्नी ज्योति ने जाकर दरवाज़ा खटखटाया. दरवाजा खटखटाने के बाद  भी वह नहीँ उठा तो घर वालों  को शक  हुआ. उन्होंने दरवाज़े को तोड़ दिया. कमरे का नजारा देख सबके होश उड़ गए. देखा कि मनीष गमछे का फन्दा लगाकर पंखे से लटका हुआ है. मेज़ के पास  रखी कुर्सी उलटी पड़ी थी. ऐसी स्थिति  देख सभी रोने व चिल्लाने लगे. तभी आस पास के लोग दौड़कर  आए. बगल मे रहने वाले उनके चाचा प्रकाश चौबे ने  इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मौक़े पर पहुंच कर लाश को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

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आसपास के लोगों का कहना है कि मनीष विक्षिप्त था. कोई काम वगैरह नहीँ करता था. उसके पिता दीनानाथ चौबे की लगभग एक माह पूर्व मौत हो गई थी. उसका बड़ा भाई दिवाकर चौबे बीएसएफ में काम करता है. पिता के श्राद्ध कर्म के बाद वह अपने परिवार के साथ चला गया. यहां पर मनीष की मां, उसकी पत्नी और उसकी एक तीन वर्षीय पुत्री शम्या रहती हैं. पीड़ित परिवार को सान्त्वना देने पहुंचे नीरज सिंह गुड्डू ने दो हज़ार नगद आर्थिक सहायता और इकलौती बेटी शाम्या की पढ़ाई लिखाई का खर्च देने को कहा.