नवरात्र स्पेशलः जानिए दशरथ नंदन लक्ष्मण और सोनाडीह की भगवती का क्या है बलिया कनेक्शन

सोनाडीह की भगवती ने किया था महाहनु का वध. नवरात्रि : जगमगाया मां कष्टहरणी का दरबार, उमड़ी भीड़. मां कष्टहरणी के भक्त लक्ष्मण ने की थी लखनेश्वरडीह की स्थापना. 11000 अखंड दीप जलाए गए मां के दरबार में. वसंत पंचमी पर मां कष्टहरणी दरबार में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला
सिद्धाश्रम बक्सर जाते वक्त राम ने किया कष्टहरणी का दर्शन. दैहिक-दैविक-भौतिक सब ताप हरती हैं मां कष्टहरणी. अक्षय नवमी आज, स्नान, दान, तर्पण का विशेष महत्व. Navratri 2018 : आश्विन (शारदीय) महानवरात्र – 10 से 19 अक्तूबर, किस मुहूर्त में करें कलश स्थापना

चैत्र नवरात्रि : जगमगाया मां कष्टहरणी का दरबार, उमड़ी भीड़

बुधवार को नवरात्र के पहले दिन मां कष्टहरणी धाम करीमुद्दीनपुर जनपद गाजीपुर में इस समय रात्रिकालीन भीड़ की स्थिति अपने आप यह बयां करने के लिए पर्याप्त है कि जन जन में मां कष्ट हरणी के प्रति कितनी अपार श्रद्धा है और अपनी ममता मयी मां पर कितना अटूट भरोसा है.

वसंत पंचमी पर मां कष्टहरणी दरबार में उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला

करीमुद्दीनपुर में स्थित इक्यावन शक्ति पीठ में से एक प्रमुख पीठ मां कष्ट हरणी धाम करीमुद्दीनपुर में वसंत पंचमी के अवसर पर क्षेत्र के हजारों लोगों ने दर्शन पूजन किया.

अक्षय नवमी आज, स्नान, दान, तर्पण का विशेष महत्व

करीमुद्दीन पुर स्थित ईक्यावन शक्ति पीठ में से एक प्रमुख पीठ मां कष्ट हरणी धाम में मंगलवार को अक्षय नवमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य पुजारी हरिद्वार पाण्डेय ने उपस्थित लोगों से इस व्रत का महत्व समझाते हुए कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के नवमी तिथि को आंवला नवमी कहा जाता हैं.

11000 अखंड दीप जलाए गए मां के दरबार में

सोमवार को लगभग ग्यारह हजार की संख्या में अखंड दीपक जलाये गए. देश के कोने कोने से लोग आकर मां का दर्शन पूजन करते है, वर्ष भर मां के धाम में शादी, मुंडन, कीर्तन एवं रामायण का आयोजन होता रहता है. मां के दर्शन मात्र से ही मानव का कल्याण हो जाता है, रामनवमी के दिन मा के धाम पर विराट मेले का आयोजन किया जाता है

मां कष्टहरणी के भक्त लक्ष्मण ने की थी लखनेश्वरडीह की स्थापना

मां कष्टहरणी का दर्शन करने के पश्चात बक्सर जाते समय लक्ष्मण ने बाराचवर ब्लाक के उत्तर दिशा में रसड़ा के लखनेश्वरडीह नामक स्थान पर लखनेश्वर महादेव की स्थापना की थी, जो आज भी लखनेश्वर नाथ के नाम से जाना जाता है.

सिद्धाश्रम बक्सर जाते वक्त राम ने किया कष्टहरणी का दर्शन

त्रेतायुग में भगवान राम, लक्ष्मण महर्षि विश्वामित्र के साथ अयोध्या से सिद्धाश्रम बक्सर जाते समय यहां पर रूक कर मां कष्टहरणी का दर्शन पूजन किए थे. उसके पश्चात कामेश्वर नाथ धाम कारो जो बलिया एवं गाजीपुर के सीमा पर स्थित है, वहां पहुंचने का प्रमाण है.

दैहिक-दैविक-भौतिक सब ताप हरती हैं मां कष्टहरणी

गाजीपुर जनपद में मुहम्मदाबाद-चितबड़ागांव मार्ग पर करीमुद्दीनपुर थाने के समीप मां कष्टहरणी देवी का धाम आस्था, श्रद्धा व विश्वास से सराबोर अपनी पहचान बनाये हुए है. सदैव अपनें भक्तों के कष्टों को हरने वाली देवी मां का नाम ही है मां कष्टहरणी. जिन्हें दया की सागर, ममतामयी, करूणामयी आदि रूपों की देवी भी कहा जाता है.