अगर अब भी नहीं चेते तो गंगापुर और केहरपुर में कहर ढा सकती है गंगा

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मझौवा (बलिया)। बैरिया तहसील क्षेत्र के दुबेछपरा में चल रहे कटानरोधी कार्यों में बारिश और बाढ़ विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारों के बीच कठीन दौर का सिलसिला जारी है. बारिश खुलने पर कभी कटानरोधी कामों में तेजी तो कभी कामों के ठप होने का क्रम जारी हैं, जहां स्पर बनने के कार्यों में तेजी देखी गई, वहीं एप्रन रिंग बंधे पर अभी भी ट्रैक्टर बोल्डर लेकर नहीं पहुंच पा रही है, जिससे काम ठप है. पहले से गिरे पत्थर बारिश होने की वजह से मिट्टी में पूरी तरह धंस गये है, इसे निकले तथा ट्रैक्टर जाने के रास्तेे के लिए जेसीबी लगाए गए है.

वहीं बलिया लाइव में छपी खबर के बाद कार्यों में तेजी व शिलान्यास स्थल से सड़क पर गिरे बोल्डर को अन्यत्र ले जाने का कार्य शुरू हो गया है. मालूम हो कि दुबेछपरा में 29 करोड़ की लागत से बाढ़ निरोधक कार्य चल रहा है. आलम यह है कि जिस रफ्तार से काम होने चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा मानकों की जमकर अनदेखी की जा रही. दिन प्रतिदिन मजदूरों की संख्या भी घटती जा रही है. अब तो मजदूर भी बारिश में काम करने से हाथ खड़े करने लगे हैं, लेकिन ठेकेदारों का कहना है कि काम तेजी से चल रहा है.

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दूसरी ओर विभागीय उदासीनता का आलम यह है कि अभी तक पचरुखिया में पहले से क्षतिग्रस्त स्परों का आज तक मरम्मत भी नहीं हो सका है. डेंजर जोन हुक्कुम छपरा गंगापुर एनएच-31 की दूरी महज 20 मीटर शेष बचे स्थल पर बाढ़ विभाग द्वारा बाढ़ निरोधक कार्य प्रगति पर है, जिसके तहत गंगा नदी के तलहटी से ईसी बैग में बालू भरकर प्लेटफार्म बनाया जा रहा है. ताकि बाढ़ आने पर कटान न हो सके. बता दें कि अगर पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष बाढ़ आती है तो नदी के किनारे पर बसे गांव केहरपुर पर धारा की बैक रोलिंग का प्रभाव पड़ेगा, लिहाजा केहरपुर में भी तत्काल बाढ़ निरोधक कार्य शुरू किया जाए, लेकिन विभागीय अधिकारियों को सुनाई नहीं दे रहा है. यही हाल रहा तो आने वाला समय गंगापुर और केहरपुर के लिए अभिशाप बन सकता है.