एसबीआई सुल्तानपुर ग्राहक सेवा केंद्र के खाताधारकों का क्या होगा

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सुखपुरा (बलिया) से पंकज कुमार सिंह 

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा संचालित सुल्तानपुर के ग्राहक सेवा केन्द्र पर संचालक द्वारा ग्राहकों के पैसे के गोलमाल के बाद ग्राहक काफी परेशान हैं. संचालक प्रवीण कुमार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. अब ग्राहक अपने पैसे के लिए बैंक का चक्कर लगा रहे हैं. वहीं, तत्कालीन शाखा प्रबन्धक सुनील कुमार उपाध्याय यहां से कार्यमुक्त हो कर नई तैनाती स्थल पर चले गए हैं.

बैंक सूत्रों की माने तो सुल्तानपुर के ग्राहक सेवा केन्द्र पर करीब चौदह से पन्द्रह हजार खाता धारक हैं. सेवा केन्द्र को छोटे छोटे ग्राहकों के लिए खोला गया है. इसमे पचास हजार से अधिक नहीं जमा किया जा सकता, लेकिन यह बात किसी ग्राहक को नहीं बताया गया था. जाली पासबुक के माध्यम से केन्द्र संचालक पैसे का हेराफेरी करते रहा. इसी बीच करीब दस दिन तक सेवा केन्द्र बन्द कर चला गया. इसको लेकर ग्राहकों का गुस्सा फुट पड़ा. वे सड़क पर उतर गए. पुलिस प्रशासन की पहल पर शाखा सुखपुरा में इसकी जाच शुरू हुई. जांच में लाखों रुपये का हेराफेरी का मामला आने लगा. सैकड़ों ग्राहक संचालक की कार्यप्रणाली के गिरफ्त में आ गए.

सबसे मजे की बात है कि यह सब कई माह से चल रहा था, लेकिन शाखा प्रबन्धक को इसकी भनक नही थी? यह लोगो को नहीं पच रहा है. लोगों का कहना है कि पूरी मॉनिटरींग शाखा सुखपुरा से होती थी तो किसी भी कर्मचारी ने जाली पासबुक की पहचान क्यों नहीं की. जब बलिया के अधिकारियों ने जांच शुरू किया तो परत दर परत गलतियां दिखने लगी. शाखा प्रबन्धक सुनील कुमार उपाध्याय को लगने लगा कि उनकी गर्दन भी फसेगी तो संचालक के खिलाफ थाने पर तहरीर देकर रिपोर्ट पंजीकृत करवाए.

पुलिस ने मुकदमे के बाद संचालक को जेल भेज दिया. अब ग्राहकों को जो पैसा मिलने की आशा थी, वह भी खत्म हो गई. उच्चाधिकारियों ने सुल्तानपुर ग्राहक सेवा केन्द्र को सीज कर कोड भी निरस्त कर दिया है. जांच के नाम पर खानापूरी चल रही है. ग्राहक को बुला कर उनका खाता आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है. आज तक बैक प्रबन्धन यह नहीं बता पाया कि बैक से कितने रुपये का गोलमाल हुआ है. ग्राहकों की माने तो उन लोगों के पैसे के गोलमाल होने में शाखा प्रबन्धक भी कम दोषी नहीं है, लेकिन बैंक के उच्च पदाधिकारी उनको बचाने में जुटे हैं, शादी विवाह व खेती का सीजन है, लेकिन आज तक वहां के ग्राहकों को एक पैसा नहीं मिला.

मैंने हार्ट का आपरेशन करवाया है. मेरे खाते में छत्तीस हजार रुपये थे. उसमें से बाईस हजार निकाल लिए गए हैं. अब पैसे के अभाव में दवां नहीं ले पा रहा हूं. दो दिन मे कोई पहल नहीं होती है तो मैं बैंक के बाहर बेमियादी अनशन करुंगा – बनारसी यादव, निवासी गोपालनगर