तीसरे दिन रौनक नहीं दिखी धनुष यज्ञ मेले में

  • मेला शुल्क और जमीन किराया बढ़ने से निराश हैं अनेक व्यापारी
  • ददरी मेले से ही लौट जाने की बात कही अनेक दुकानदार

बैरिया : प्रसिद्ध संत सुदिष्ट बाबा के आश्रम पर लगा धनुष यज्ञ मेला तीसरे दिन मंगलवार को बेरौनक रहा. पहले दिन सुदिष्ट बाबा की समाधि पर मत्था टेकने और भाजपा के राजनीतिक मंच की भीड़ के बाद से मेला परिसर में सन्नाटा पसरा है. एक-दो मिठाई की दुकानों पर ही कुछ लोग बैठे मिठाई खाते दिखे. मेला में काफी स्थान अभी खाली है.

इस बाबत मेला के आयोजकों ने बताया कि ऐसा बलिया के ददरी मेला के लंबा खिंच जाने के कारण हुआ है. बलिया का ददरी मेला 3 दिसंबर तक चलेगा. यहां आने वाले अधिकांश व्यवसाइयों की दुकानें बलिया मेले में लगी हैं. ददरी मेला खत्म होने के दो दिनों के अंदर सभी यहां आ जाएंगे. सभी अपनी दुकानों के लिए जगह सुरक्षित कराए हैं.

कई व्यापारियों ने बताया कि इस बार मेला के लिए जमीन महंगी कर दी गई है. दूर से आने वाले दुकानदार कुछ कमाने की आस में आते हैं. किराया बढने से बक्सा, मिठाई और लकड़ी की दुकानों के कई परंपरागत व्यापारी इस साल मेले में नहीं आ रहे हैं. वे बलिया से ही लौट जाएंगे.

 

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बता दें कि करीब 18 बीघा खेत में 36 चौक और 86 गलियों वाला धनुष यज्ञ मेला अत्याधुनिक नगर के रूप में बसाया जाता है.

मेला प्रबंधन द्वारा इस साल भी उसी परंपरागत नक्शे के अनुसार जमीन आवंटित किया गया है. यहां हर अलग-अलग तरह के सामानों के लिए अलग-अलग गलियां बनाई जाती हैं. बहुत सी दुकानें नहीं लगी हैं.

 

मेले में दो चार झूला चरखी और तमाशा लगे जहां बच्चों का झुंड दिखा. मेला आयोजकों के अनुसार मेले के लिए सारी तैयारियां की गई हैं। प्रकाश, पानी, सफाई, शौचालय आदि की व्यवस्था है. उधर संत सुदिष्ट बाबा के मठिया पर दूर-दराज से आए साधु संन्यासियों का दिखा.

 

 

इस साल द्वाबा वासियों ने रिकॉर्ड तोड़ दान किया है. समाधि परिसर में आटा चावल सब्जी आदि दान के सामानों का अंबार लगा है. जिसे व्यवस्था में लगे लोग बोरियों में भरकर सुरक्षित रखते देखे गए.

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