WhatsApp जोक का भी असर होता है!

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पत्नी – क्या हुआ ऐसे छिप कर क्यों हंस रहे हो?

पति – कुछ खास नहीं. एक व्हाट्सऐप जोक आया है.

पत्नी – अच्छा अच्छा… वही वाला. फिर कोई आदमी अपनी बीवी से परेशान होगा… या डर रहा होगा… या…

पति मोबाइल पर बिजी हैं. पत्नी का गुस्सा बढ़ाने के लिए इतना ही काफी है.

पत्नी – तुम मर्दों को और कोई चुटकुला पसंद ही नहीं आता. ले दे कर बस बीवियां सॉफ्ट टारगेट होती हैं.

पति – बिलकुल ठीक. पत्नी ऐसा जीव है कि इंसान क्या भगवान भी डरते होंगे.

पत्नी – ओके. एक बात बताओ, अगर लोग बीवी से इतना ही डरते हैं तो वे लोग कौन हैं जो अपनी बीवियों को मारते पीटते हैं – और कई बार तो घर से बाहर निकाल देते हैं.

पति – मेरी बात सुनो…

पत्नी – तुम चुप रहो… LET ME COMPLETE FIRST. PLEASE. पहले मेरी बात सुनो…
बेचारे पति चुप हो जाते हैं – और कर भी क्या सकते हैं.

पत्नी – बिहार वाली वो खबर तो तुमने भी पढ़ी ही थी. वो कुत्ता अपनी बीवी को इसलिए बेचने जा रहा था क्योंकि वो बहुत सुंदर थी. भई वाह! बीवी खूबसूरत हो तो कोठे बेच देंगे, बदसूरत हो तो घर से बाहर खदेड़ देंगे… वाह. बीवी खूबसूरत हो तो कोठे पर बेचे देंगे, खूबसूरत न हो तो खुद कोठे कोठे घूमते फिरेंगे.

पति – वो सब छोड़ो. अखबार वाले सब ऐसे ही लिखते रहते हैं. मैं तो बस ये मानता हूं कि हर बीवी बस डराने की चाह रखती – सामने चाहे इंसान हो या भगवान.

पत्नी – यानी भगवान और इंसान दोनों अपनी अपनी बीवियों से डरते हैं.

पति बड़े ही प्यार से पत्नी का हाथ अपने हाथों में लेते हैं – और कहते हैं, “अरे भागवान! वो इंसान नहीं हैं उनकी अलग कैटेगरी होती है.

पत्नी – कौन सी कैटेगरी?

पति – वो हैवानों की कैटेगरी में आते हैं. जो इंसान है वो मारना पीटना तो दूर, वो तो बस डरते हैं. बीवी ही नहीं, मां से भी डरते हैं और बहन से भी – डरने से मतलब थर थर कांपना ही नहीं होता. इंसान उसी अदब के साथ सम्मान भी देता है, लेकिन हैवान कभी ऐसा नहीं करता.

पत्नी – ये जो हैवानों की जाति है वो खत्म ही क्यों नहीं हो जाती. ऐसे हैवानों की बीवी बन कर रहने से तो अच्छा विधवा हो जाना है. इंसान ज्यादा हैं, हैवान कम हैं फिर भी लगता है हैवानों का ही राज है.

पति – नंबर में क्या रखा है? बात सिर्फ संस्कारों की है. अगर हर मां, बीवी, बेटी, बहन यानी हर औरत अपनों की कद्र की बात बस समझा दे फिर तो सारी समस्या ही खत्म समझो.

पत्नी – इसका मतलब जो करें हम औरतें ही करें…
पति – नहीं मेरी जान. मेरे कहने का ये बिलकुल मतलब नहीं था. मैं तो सिर्फ इतना जानता हूं कि तुम लोग अगर ठान लो तो हैवान क्या शैतान भी घुटने टेक देंगे. और हां मैंने तो जो बात ‘मां-बहन…’ वाली की वैसे ही बाप भाई और बेटे पर भी लागू होती है. बराबर?

पत्नी – सही कहा जी आपने.

पति – हम मर्द जल्दी भावुक भले न हों, भटक जरूर जाते हैं… गलत रास्ते पर. जब तक समझ में आ पाये तब तक तो आदत बन चुकी होती है. और इस आदत को हम मर्दानगी का नाम दे देते हैं.

पत्नी – जी सर जी.

पति – ऊपरवाले ने तुम औरतों को ही ये शक्ति दी है कि…

पत्नी को भावुक होते देख पति सीरियस हो जाते हैं. फिर थोड़ा मजाकिया लहजे में बोलते हैं.

पति – For Example – तुम औरतों को गालियां कम नहीं आतीं, लेकिन… लेकिन… तुम सब… कुछ एक को छोड़ कर… शादी विवाह के मौकों पर ही… तभी तो औरतें हरदम मर्दों पर भारी पड़ती हैं.

पति अचानक पत्नी के पैरों को छूने की कोशिश करते हैं. तभी तो हम रोज उठते ही आपके पांव…

पति की बातों से पत्नी भावुक हो जाती हैं – और दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लेते हैं.

पत्नी और पति दोनों मिल कर रिजॉल्युशन तैयार करते हैं – “हम शपथ लेते हैं कि अपने आस पास किसी को भी हैवान नहीं बनने देंगे – और आस पास वालों को भी ऐसा ही करने का चैलेंज देंगे. हमारा हैवान मुक्त भारत अभियान शुरू होता है अब!”

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DISCLAIMER : ये लेखक के निहायत ही निजी विचार हैं. लेख में व्यक्त विचार से ballialive.in की सहमति या असहमति कतई जरूरी नहीं है. लेख से जुड़े सभी दावों या आपत्तियों के लिए सिर्फ और सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.