भीतरघात व गुटबाजी की आशंका – धुरंधर धनुर्धर भी कलेजा थाम कर बैठे हैं

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बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र  

बैरिया विधानसभा क्षेत्र के शतरंजी बिसात पर 2017 के विधानसभा चुनाव के गोट बिछने लगे हैं. आरंभ के दौर में यहां के चुनावी परिदृश्य पर अगड़े पिछड़ों की तलवारबाजी होती  स्पष्ट दिख रही है. लगभग 3.5 लाख मतदाताओं वाले यहां के चुनावी फलक पर सबसे महत्वपूर्ण इस बार अपेक्षा के बाद भी टिकट न पाने वाले किरदारों की भूमिका प्रमुख साबित होने के संकेत मिलने लगे हैं. याद दिलाते चलें कि बीते  2012 के विधानसभा चुनाव में यहां तत्कालीन निवर्तमान विधायक कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुभाष यादव को यहां के मतदाताओं ने दरकिनार करते हुए मात्र 5,635 मत ही दिए थे. जबकि पहली बार सपा का परचम लहराते हुए पूर्व मंत्री स्वर्गीय शारदानंद अंचल के पुत्र जयप्रकाश अंचल को 46,088 मत मिले थे. दूसरे स्थान पर पूर्व मंत्री व भाजपा के वर्तमान सांसद तथा तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी भरत सिंह को 45,531 मत मिले थे. वही बहुजन समाज पार्टी से मुक्तेश्वर सिंह 31808 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे.

बैरिया विधानसभा नंबर- 363

2012 के चुनाव में विजेता- जय प्रकाश अंचल (समाजवादी पार्टी)

विजयी उम्मीदवार को वोट मिले- 46,092

रनर अप- भरत सिंह (भारतीय जनता पार्टी)

रनर अप-वोट- 45,534

कुल वोट- 1,43,452

जीत का अंतर- 558
इस बार 2017 के विधानसभा चुनाव में विधायक जय प्रकाश अंचल को ही समाजवादी पार्टी से जारी दोनों सूचियों में बैरिया विधानसभा क्षेत्र से सपा का प्रत्याशी बनाया गया है. सपा से ही बैरिया से अन्य दावेदार कतार में लगे लोग इस निर्णय से काफी असंतुष्ट हैं. बहुजन समाज पार्टी ने भी पूर्व से ही घोषित प्रत्याशी/ प्रभारी जवाहर प्रसाद वर्मा को ही अपने फाइनल सूची में भी प्रत्याशी बरकरार रखा है. इस प्रकार बैरिया 363 विधानसभा क्षेत्र के तीन प्रमुख राजनीतिक दलों में सपा से जयप्रकाश अंचल, बसपा से जवाहर प्रसाद वर्मा घोषित प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी से मुक्तेश्वर सिंह, सुरेंद्र सिंह, विक्रमा सिंह व जय प्रकाश नारायण सिंह टिकट मिलने की उम्मीद में लखनऊ व दिल्ली की तंग गलियों में फिलहाल तक उलझे हुए हैं. भाजपा द्वारा प्रत्याशी घोषित करने में शीघ्रता न दिखाने पर लोग यह कह कर तंज कर रहे हैं कि भाजपा अपने दावेदारों का सारा समय लखनऊ दिल्ली में उलझाकर एक ही बार में शपथ ग्रहण करा कर ही भेजेगी.

बलिया जिले पर एक नजर

बलिया उत्तर प्रदेश का एक जिला है. ये आजमगढ़ मंडल के अंतर्गत आता है. उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में स्थित है. यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है. बलिया शहर इसका जिला हेडक्वार्टर है. इस जिले का कुल क्षेत्रफल 2981 स्क्वायर किलोमीटर है. इस जिले की कुल आबादी 32,39,774 है. इनमें 16,72,902 पुरुष हैं और 15,66,872 महिलाएं हैं. इस जिले की साक्षरता दर 60.6 फीसदी है. बलिया जिले के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें आती हैं. इनके नाम हैं:- बलिया नगर, रसड़ा, बांसडीह, सिकंदरपुर, बेल्थरा रोड, फेफना और बैरिया

कुल मिलाकर बिहार की सीमा से तीन तरफ से घिरे बैरिया विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक परिदृश्य बिहार से मिलता-जुलता ही रहता है. राजनीतिक दलों के उच्च नेताओं की सोच व आकलन यहां की धरती पर ऐन समय पर बिखर जाती हैं. यहां के परंपरागत चुनावी समीकरणबाज जातिगत, अगले-पिछड़े आदि को केंद्र में रखकर चुनावी समीकरण बैठाने लगे हैं. विकास के मुद्दे यहां पर गौण हो जाते हैं. इस बार का चुनाव आश्चर्य व अनिश्चितता से भरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिसके पीछे कारण टिकट से वंचित रहने वाले हैं कद्दावर लोग हो सकते हैं. भीतरघात व गुटबाजी यहा खुल कर पटल पर आ सकती है.