पापड़ बेलने के बाद भी कैश तो दूर निकासी फॉर्म तक नहीं मिल रहा

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

सुखपुरा (बलिया)। नोटबन्दी के बाद लोगों को परेशानी से बचाने के लिए सरकार ने कई तरह की घोषणाएं की, लेकिन सुखपुरा स्थित पूर्वांचल बैंक में कर्मचारी अपनी मनमर्जी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ग्राहकों को नोट देना तो दूर निकासी फॉर्म तक नहीं मिल पा रहा है. रवींद्र सिंह ने बताया कि सोमवार को जब वे बैंक पहुंचे तो निकासी फॉर्म लेने के लिए काफी  मशक्कत किए, मगर फार्म नहीं मिला. जबकि वे बैंक के वे रेग्युलर ग्राहक हैं. बताया जा रहा है कि सीनियर सिटीजन को वरीयता देने की परम्परा इस शाखा में नहीं है. यहां सब कुछ बैंक प्रबन्धक के मर्जी से चलता है.

मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि वे हफ्ते भर से बैंक का चक्कर लगा रहे हैं. वे सोमवार को भी बैंक पहुंचे थे. कहा कि देखिए आज सम्भव है कि मेहनत सफल होगा. यह तो महज कुछ बानगियां भर हैं. ऐसे दर्जनों लोग बैंक प्रबंधक के रवैया से परेशान हो रहे हैं. बैंक प्रबंधक का कहना हैं कि रीजनल आफिस से निर्देश के अनुसार काम हो रहा है. इस बैंक में कैश कम मात्रा में आता है. उसी हिसाब से बांटा जाता हैं. बहरहाल मामला जो भी हो, पूर्वांचल बैंक के ग्राहक परेशान हैं.

इसी क्रम में अभिमन्यु नामक एक युवक को नौकरी के साक्षात्कार के लिए दिल्ली जाना है. आज वह दो हजार का चेक लेकर कैश करवाने पहुंचा. दो घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद जब उसका नंबर आया तो कैशियर ने जवाब दिया कि बिना शाखा प्रबंधक के हस्ताक्षर के वह चेक नहीं स्वीकार करेगा. लाख मनुहार के बाद भी जब कैशियर सुनने को राजी नहीं हुआ तो वह थक हार कर प्रबंधक डीके श्रीवास्तव की शरण में पहुंचा. श्री श्रीवास्तव का जवाब था कि पीएम स्वयं आकर कहेंगे तो भी चेक स्वीकार नहीं करुंगा. जबकि उस वक्त दिन के पौने बारह ही बज रहे थे. जाहिर है प्रधानमंत्री के एक ईमानदार प्रयास पर पलीता लगाने को तैयार बैठे हैं कुछ बैंक कर्मचारी. थक हार कर अभिमन्यु ने बैंक के चेयरमैन से इसकी शिकायत की. उन्होंने कार्रवाई का भरोसा दिया है.