प्रयागराज से आलोक श्रीवास्तव
ग्राम प्रधान वह व्यक्ति है, जो चाह ले तो गांव का हर स्तर पर विकास कर सकता है और करवा सकता है. चिकित्सा, शिक्षा, सफाई, पेयजल, सम्पर्क मार्ग आदि को वह अपने गांव में बेहतर बना सकता है.
जिस काम के लिए उसके फंड में धन नहीं है, उसके लिए भी वह शासन स्तर पर बात कर सकता है. कुल मिलाकर कहें तो प्रधान विकास की चतुर्दिक सीढ़ी है, बस ईमानदारी, कर्मठता, पारदर्शिता औऱ नियत का साफ होना जरूरी है.ग्राम प्रधानों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना से जोड़ने का पहल करके सरकार ने सही दिशा में सकारात्मक कदम उठाया है.
यदि प्रधानों ने इस मिशन में रुचि ले ली तो गांवों को सेहतमंद होने से कोई नहीं रोक सकता. सेहत का दुरुस्त होना विकास का रास्ता खोलता है. पूर्व में प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण समिति का गठन किया गया था.
उस दौरान महसूस किया गया कि समितियां बेहतर ढंग से कार्य कर सकती हैं, यदि उसमें प्रधान अपनी सकारात्मक भूमिका निभाए. इसी दृष्टिकोण के आधार पर प्रदेश के 25 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में एक दिन का प्रधान सम्मेलन का आयोजन 28 नवम्बर को किया गया. इस दौरान प्रधानों से उम्मीद की गई, प्रशिक्षण दिया गया और सजगता का पाठ पढ़ाया गया.
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सभी ग्राम प्रधानों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित की जाने वाली सेहत से संबंधी योजनाओं के बारे में जानकारी देना और और स्वास्थ्य के मुद्दे पर सजग बनाना था, जिससे वे खुद तो जागरूक बनें ही गांवों की जनता को अधिक से अधिक स्वास्थ्य संबंधी लाभ लेने के लिए प्रेरित कर सकें.
हकीकत भी यही है कि यदि ग्राम प्रधान किसी विषय में रुचि ले ले तो गांवों को विकास से रोक पाना संभव नहीं है. कार्यक्रम का मूल उद्देश्य ही जानकारी देना है.
इसलिए इस बारे में विस्तृत रूप से जिला कार्यक्रम प्रबंधक विनोद सिंह ने सभी प्रधानों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यक्रमों और नवीन योजनाओं के बारे में जानकारी दी तथा उन्हें इस बात का एहसास दिलाया कि जनपद में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने और समुदाय को प्रेरित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है.
उन्होंने ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति के अंतर्गत आने वाली धनराशि और उसके व्यय के बारे में भी सभी प्रधानों को जानकारी दी, जिससे समिति में उपलब्ध धन का स्वास्थ सेवाओं को और मजबूत करने के लिए बेहतर ढंग से उपयोग में लाया जा सके.
यह कार्यक्रम मुख्य विकास अधिकारी प्रेम रंजन सिंह की देखरेख में हुआ. इसमें जिला पंचायती राज अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी और प्रधानों ने भाग लिया.