कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की निकली मनोरम झांकी
दुबहड़(बलिया)। भक्ति में वह शक्ति है जिससे विधि के विधान भी बदल जाते है. भक्ति के मार्ग पर चलने से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है. उक्त बातें दादा के छपरा में हो रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान कथावाचक राष्ट्रीय संत श्री गौरव कृष्ण शास्त्री ने शुक्रवार के दिन कहीं.
उन्होंने कहा कि भक्ति का मार्ग सबसे उत्तम है. जिससे व्यक्ति के जीवन में बदलाव साफ दिखाई देने लगता है. कहा कि जिस स्थान पर व्यक्ति का आदर नहीं होता है, अथवा उसे बुलाया नहीं जाता है, वहां उसे जाना नहीं चाहिए. क्योंकि तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में कहा है कि भले ही वहां कंचन बरस रहा हो लेकिन बिन बुलाए नहीं जाना चाहिए. कथा के दौरान भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की मनोरम झांकी निकाली गई. जिसे देखकर देर तक दर्शक तालियां बजाते रहे. इस मौके पर सन्त रामभद्र करपात्री जी बालक बाबा, अश्वनी कुमार उपाध्याय, राजेश्वर पाठक, गोगा पाठक, हर नारायण पाठक, श्रीकृष्णा राय, उमा चौधरी, महंथ राय, विवेक, भोला दीपक, विकास, शम्भू यादव, अमरनाथ यादव, प्रभु नारायण पाठक, रामप्रवेश पाठक, रविंद्र पाठक, अशोक पाठक, मनीष, गोलू, गंगा पाठक, सुनील सिंह, जय सिंह, अरुण सिंह, विमल पाठक, अख्तर अली, छोटेलाल आदि लोग उपस्थित रहे .