सुरहाताल का होगा ईकोटूरिज्म के रूप में विकास: जिलाधिकारी

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि इकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सुरहाताल के आसपास साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए. साथ ही वहां पर लोगों के उठने बैठने और घूमने के लिए बेंचे लगवाई जाए. महिलाओं और बच्चों की सुविधा के लिए शौचालयों की व्यवस्था की जाए. 10 दिसंबर से सुरहा ताल में नौकायन शुरू हो जाएगा.

बलिया के सुरहा ताल में पहुंचने लगे सैलानी पक्षी

सुरहा ताल गंगा और सरयू नदी के बीच मे स्थित है. इसे गोरखु झील भी कहा जाता जाता है. वजह कि दोनों नदियों से यह बना ताल है. यह झील पक्षी विहार नाम से घोषित है. प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध ताल हो गया है.

सुरहताल के किनारे स्थित है बाबा अवनीनाथ महादेव का प्राचीन मंदिर

बलिया – बांसडीह मार्ग स्थित बड़सरी गांव से करीब एक किमी पश्चिम सुरहताल के किनारे बाबा अवनीनाथ महादेव मंदिर प्राचीन काल से स्थापित है. जहां पहुंचने पर पर्यावरण से सुसज्जित स्थल पर एक अलग अनुभूति तो होती है. बुजुर्गों के अनुसार उक्त मंदिर की ऐसी महत्ता है कि जो अवनी नाथ महादेव मंदिर में जाकर अपनी विनती सुनाता है उसकी मन्नत पूर्ण हो जाती है.