सूर्योपासना का प्रमुख पर्व डाला छठ सोमवार की भोर में उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने का साथ ही हुआ संपन्न

घाटों पर छठ गीत गूंजते रहे. महिलाएं उगी हे सुरुज देव भेल भिनसरवा… आदि गीत गाकर सूर्य से उगने की विनती कर रही थीं. सूर्योदय होते ही महिलाओं ने कमर तक पानी में खड़े रहकर अर्घ्य दिया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की.

छठ मइया के गीत गाते हुए घाटों पर पहुंचे श्रद्धालु, व्रती महिला-पुरुषों ने अस्तगामी सूर्य को दिया प्रथम अर्घ्य

आस्था के इस महापर्व पर व्रतधारी महिला और पुरूष दोपहर बाद अपने घरों से दऊरा और सूप में पूजन सामग्री सजाकर छठघाट की ओर रवाना होने लगे थे. उनके साथ उनके परिजन एवं मोहल्ले के लोग छठ मइया के मंगल एवं भक्ति गीत गाते हुए उत्साह एवं श्रद्धा के साथ छठघाट पर पहुंच रहे थे.

व्रती महिलाओं ने सूर्यदेव को दिया पहला अर्घ्य

व्रती महिलाएं दउरा व सुपली में फल के साथ पूजन सामग्री सजाकर घाट पर पहुंची और भगवान भास्कर की उपासना किया चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के अंतिम दिन सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

अस्तांचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिये रविवार को सायं 4 बजे से ही छठ व्रती महिलाओं की भीड़ छठ घाटों पर उमड़ पड़ी

छठ मैय्या की पूजा अर्चना के लिए नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के घाटों पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा. घाटों पर बजते छठ मैय्या के गीतों के कैसेट से भक्ति का माहौल रहा. श्रद्धालु पूजा सामग्रियों के साथ क्षेत्र की नदी, घाट और पोखरों पर पहुंचे और अस्तांचल सूर्य को अ‌र्घ्य दिया.