मनुष्य को कर्मवादी होना चाहिए, भाग्यवादी नहीं- जीयर स्वामी

श्री जीयर स्वामी ने श्रीमद भागवत महापुराण कथा के तहत प्रहलाद जी द्वारा प्रजा को दिए गए उपदेश की चर्चा की. उन्होंने कहा कि भगवान पक्षपात नहीं करते. वे निष्पक्ष हैं. जिसमे पक्षपात आ जाये, वह भगवान नहीं देवता हो सकता है. जब राक्षस साधना द्वारा बल प्राप्त करके देवाताओं पर अत्याचार करते हैं, तब भगवान राक्षसों का दमन करते हैं.

संस्कारित ढंग से विवाह के बंधन में बंधकर गृहस्थ भी ब्रह्मचारी: जीयर स्वामी

दुबहर, बलिया. केवल विवाह नहीं करने वाला ही ब्रह्मचारी नहीं हैं, बल्कि गृहस्थ जीवन में में रहते हुए भी एक नारी के परिवार, समाज एवं देश के प्रति अपने सुकर्मों को समपित करके भी …