मनुष्य तन पाकर सत्संग को जाने वाला व्यक्ति बड़भागी है- पंडित अरविंद द्विवेदी

पंडित अरविंद शास्त्री ने कहा कि भगवान के कार्य के लिए जो जीव अपने तन का त्याग करें वह परम बड़भागी होता है. जैसे कि प्रभु श्रीराम के कार्य के लिए जटायु ने अपने तन का त्याग कर दिया था. मानस मर्मज्ञ पंडित अरविंद द्विवेदी ने कहा कि “हनुमान सब नहीं बड़भागी, नहीं कोऊ राम चरण अनुरागी” हनुमान जी महाराज से बड़भागी कोई नहीं है.