छठ महापर्व पर विशेष- अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती देंगे अर्घ्य

व्रत करने वाले जल में खड़े होकर डालों को उठाकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं, सूर्यास्त के पश्चात व्रती पूरी रात साधना करते हैं , कुछ घर भी वापस आ जाते हैं ,रात्रि जागरण होता है , सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पुन: बाँस के डालों में पकवान, नारियल, केला, मिठाई लेकर नदी तट पर व्रती सपरिवार जाते हैं , जहाँ उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.