पदाधिकारियों ने बताया कि आरोपित मंत्री से सदस्यों का नाम व समिति का जायजा लेने पर वह भड़कते थे तथा कागजात दिखाने से इनकार कर देते थे. फर्जीवाड़ा की जानकारी तब हुई जब समिति के प्रबंधक रामप्रसाद, उपाध्यक्ष बलिराम प्रजापति ,महावीर, जितेंद्र व मनोज आजमगढ़ मंडल चिटफंड कार्यालय में जाकर द्वितीय पत्रवाली निकलवाए तो पता चला कि सभी सदस्यों का हस्ताक्षर फर्जी है.