पानी तो घटने लगा, मगर दुश्वारियां बढ़ने लगीं

बलिया में गंगा, घाघरा, तमसा के तेवर में नरमी आई है, हालांकि गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वाराणसी में उफनाई गंगा अब घाटों की सीढ़ियों से उतर चुकी है, बाढ़ का कहर थमने के बाद ग्रामीण इलाकों में लोग बाग अपने घरों को संवारने में जुटे है. बाढ़ के पानी में हालांकि सैकड़ों कच्चे मकान जमीदोज हो चुके हैं, हजारों एकड़ कृषि योग्य जमीन पर खड़ी फसलें बाढ़ में बह गई हैं. खेतों में मेड़ें गुम हो चुकी है, कई इलाकों में मृत पशुओं के शव दुर्गंध फैला रहे हैं, जबकि गांव की पगडंडी दलदली होने के कारण उसमे चलना फिरना दूभर है.

काजीपुर में संकट गहराया, मासूम की हैजा से मौत

काजीपुर गांव में कालरा की चपेट में आने से रिजवाना (7) पुत्री गुड्डू की मौत हो गई. जबकि परिवार के आधा दर्जन अन्य सदस्य भी उसकी चपेट में आ गए हैं, जिनमें से तीन का इलाज सदर अस्पताल में व बाकी का सिकंदरपुर के अस्पताल में चल रहा है.