जनपद न्यायाधीश गजेंद्र कुमार ने कहा कि हिंदी का विस्तार हुआ है और यह भाषा विश्व स्तर पर स्वीकार की जा रही है. उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा हमारी राजभाषा ही नहीं, बल्कि विश्व भाषा भी होनी चाहिए.
शिक्षा की बेहतरी के लिए कितनी पुस्तकें हैं, कितने ही दार्शनिक सिद्धांतों और पद्तियों का आविष्कार किया गया. कितने धर्मों की स्थापना हुई और कितनी शिक्षा पद्तियां अपनाई गईं. लेकिन वो सभी शिक्षा पद्तिया सही मायनों में असफल हो गईं.
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