विभिन्न गांवों के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ऊंची आवाज या तेज शोरगुल सुनने के लिए मजबूर करना मौलिक अधिकार का हनन है. हर शख्स को शांति से रहने का अधिकार है. लाउडस्पीकर या तेज आवाज में अपनी बात कहना अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार में आता है लेकिन यह आजादी जीवन के अधिकार से ऊपर नहीं हो सकता है.