प्रान्त प्रचारक सुभाष ने संघ के स्वयंसेवकों के अंदर देश के लिए भाव और देश के लिए मर मिट जाने के भाव से सराबोर गीत ‘मनुष्य तू बड़ा महान है, धरती की शान तू है, मनु की संतान, तेरी मुट्ठियों में बंद तूफान है रे, मनुष्य तू बड़ा महान है’ से अपने उद्बोधन की शुरुवात की और बताया कि मनुष्य बड़ा महान है.