बलिया का नाम जुबान पर आते ही लोगों के जेहन में वहां की बड़की पुड़ी, पुरी, फुटेहरी (भउरी-चोखा) और सत्तुआ की याद आ जाती है. ज्यादा नहीं, एकाध पीढ़ी पहले जाइए, घरों में तैयार होने वाली विभिन्न मिठाइयां, जो बेटी-पतोह को तीज त्योहार पर भेजे जाते थे, भी दिमाग में तैरने लगती है.