बाढ़ और बलिया – यहां के लोग दुआओं में मौत मांगते हैं, जो जी रहे हैं तो बस यह हुनर उन्हीं का है

कहीं बांध को टूटने से बचाने की जद्दोजहद है तो कहीं गंगा की तेज धार के बीच गांव से निकलने और लोगों को निकालने की कोशिश. कहीं छतों पर जमे परिवारों तक खाना पहुंचाने की जद्दोजहद, तो कहीं मवेशियों तक चारा ले जाने की कोशिश, कोई घर छोड़ने को तैयार नहीं तो कोई घर जाने को तैयार नहीं, क्योंकि गंगा और घाघरा ने कई बस्तियों के नामोनिशान मिटा दिए हैं.

गंगा को फॉर्म में देख घाघरा भी अगराई, घुमरी परउवा शुरू

गंगा के जलस्तर में मंगलवार को और वृद्धि दर्ज की गई. यह वृद्धि आगामी दिनों में भी जारी रहने के संकेत मिले हैं. लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों की बारिश के असर से गंगा के जलस्तर में वृद्धि का प्रभाव आ रहा है. तटवर्ती इलाकों के ग्रामीण जलस्तर में वृद्धि से चिंतित हैं. ग्राम पंचायत गंगापुर का तेलिया टोक, रामगढ़, अवशेष चौबेछपरा, केहरपुर आदि तटवर्ती गांव के ग्रामीण भयभीत हैं.

घाघरा के तल्ख तेवर से ग्रामीणों में हड़कम्प

नेपाल के एल्गिन डैम से छोड़े गए करीब चार लाख क्यूसेक पानी जिले में तबाही का मंजर उकेरने लगा है. लगातार तल्ख हो रहे घाघरा से दिन पर दिन संकट गहराता जा रहा है. 

बिल्थरारोड, मनियर, रेवती, बैरिया में दर्जन भर से अधिक गांवों में पहुंचा घाघरा का पानी

घाघरा में बढ़ रहे जलस्तर के बीच जिला प्रशासन  की भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर लगतार नजर है. रविवार की सुबह जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने बेल्थरा क्षेत्र में जाकर घाघरा नदी के तटवर्ती इलाकों की स्थिति देखी.

भोजछपरा में बालक डूबा, रामबालक बाबा आश्रम के सामने किसान का शव उतराया मिला

रामबालक आश्रम के पास घाघरा के छाड़न में किसान का शव उतराया मिला, जबकि भोज छपरा गांव के सामने टीएस बंधा के उत्तर घाघरा के बाढ़ के पानी में एक 6 वर्षीय बालक की डूबने से मृत्यु हो गई.

बैरिया विधायक ने डेंजर जोन का लिया जायजा, घाघरा ने उड़ाई नींद  

बुधवार को घाघरा का जलस्तर लाल निशान से 52 सेमी ऊपर पहुंच गया, जिससे बाढ़ प्रभावित गांवों में दहशत का माहौल व्याप्त है.

बाढ़ की आशंका पर प्रशासन अलर्ट, डीएम ने सौंपी जिम्मेदारी

सोमवार को जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने बाढ़ क्षेत्रों में जाकर राहत शिविरों के लिए निर्धारित जगहों को देखा. वहां कैसे बेहतर व्यवस्था हो इसके लिए एसडीएम व सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया.

उफनाई घाघरा – मक्का और बाजरा की फसलों के नष्ट होने का खतरा

उफनाई घाघरा नदी ने क्षेत्र के विभिन्न दियारों में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. नदी का पानी पेटे से निकलकर उपरी भागों के खेतों में फैलने लगा है.

बिल्थरारोड में घाघरा पहुंची खतरे के निशान से ऊपर, सहमे तटवासी

 बिल्थरारोड में घाघरा नदी का जल स्तर सोमवार को खतरे के निशान को पार कर गया. नदी का रौद्र रूप अख्तियार करने को लेकर तटीय बाशिंदे बाढ़ आने  का भय सताने लगा है.

गंगा-घाघरा के जलस्तर में उतराव चढ़ाव जारी, कमजोर बारिश से राहत

तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी के जलस्तर में निरंतर वृद्धि होती जा रही है. जबकि कटान थम गया है. जिससे दियारा के किसानों ने राहत की सांस लिया है.

गंगा व घाघरा की युगलबंदी से सिकंदरपुर और बैरिया के तटवर्ती इलाकों में बेचैनी

घाघरा व गंगा के जलस्तर में वृद्धि से तटवर्ती लोगों की बेचैनी बढ़ गई है. बढ़ते जलस्तर को देख गांव के लोग अपने घरों को तोड़कर सामान को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के कार्य में जुट गए हैं.

बलिया में गंगा-घाघरा बढ़ाव पर, टोंस थथमी

गंगा नदी का जलस्तर बुधवार को बक्सर में 54.830 मीटर, गायघाट में 53.710 मीटर बढ़ाव पर, घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 63.160 मीटर, चांदपुर में 56.46 मीटर, मांझी में 53.05 मीटर जो बढ़ाव पर है.

विधायक ने लिया टीएस बन्धे के डेंजर जोन का जायजा

बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने रविवार को  टीएस बन्धे का जायजा लिया. विधायक सिंह दतहां से लेकर तिलापुर डेंजर जोन तक बन्धे के निरीक्षण के दौरान दतहां तथा आसमान पुर गांव के सामने स्थित बाढ़ चौकी का भी जायजा लिया.

कटानरोधी बचाव कार्य में तनिक भी कोताही बर्दाश्त नहीं – सिंचाई सचिव

प्रदेश के सिंचाई सचिव शम्भूनाथ ने शनिवार को दूबेछपरा के पास 29 करोड़ की लागत से हो रहे कटानरोधी बचाव कार्य का निरीक्षण किया.

गंगा तटवर्ती गावों में  घरों  पर चलने लगे हथौड़े

बैरिया तहसील क्षेत्र के केहरपुर गावं में कटान के दहशत से सहमे लोगो ने अपने घरों पर हथौड़ा चलाना शुरू  कर दिया है. हालांकि  गंगा के घटते जल स्तर से लोगो को थोड़ा चैन जरूर मिला है, फिर भी भय बरकरार है. क्योंकि बाढ़ के उतार चढ़ाव का समय खत्म नहीं हुआ है.

निरंतर घट रहा घाघरा का पानी, साधु संतों ने भी ली राहत की सांस

क्षेत्र में घाघरा नदी का पानी निरंतर घटता जा रहा है. इसी के साथ विभिन्न दियारों में कटान का वेग भी धीमा हो गया है. ऐसे में क्षेत्र के डूहां स्थित बनखंडी नाथ मठ की उत्तरी दीवाल पर चढ़ा घाघरा नदी का पानी नीचे खिसकते जाने से वहां के साधु संतों ने राहत की सांस ली है.

​दुबेछपरा में तीन घंटे तक रुका रहा कटानरोधी कार्य

दुबेछपरा में शासन स्तर से 29 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे कटानरोधी काम को ग्रामीणों ने सोमवार की दोपहर में रुकवा दिया. नतीजतन तीन घंटे तक कामकाज बाधित रहा.