लंका विजय के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन की खुशी में मनाए जाने वाले इस पर्व के प्रति लोगों का उत्साह चरम पर था. दिन भर की साफ-सफाई के बाद शाम ढलते ही घरों और प्रतिष्ठानों में समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी व शुभ के देवता भगवान गणेश का पूरे विधि-विधान के साथ आह्वान किया गया.