बलिया से लखनऊ आए ये सज्जन कल जनचेतना की पुस्तक प्रदर्शनी में काफ़ी देर तक घूमकर बड़ी हसरत से किताबों को देख रहे थे. फिर उन्होंने अन्ना हज़ारे और केजरीवाल के आन्दोलन तथा पूँजीवादी व्यवस्था में भ्रष्टाचार के सवाल पर लिखे लेखों के संकलन को लेने के लिए चुना.