बहेरा नाले के पानी में डूबी 500 बीघा धान की फसल

तहसील क्षेत्र के धनौती गांव के समीप पुलिया से निकलकर बहेरा नाला का पानी खेतों में फैल जाने से चार दर्जन किसानों की करीब 500 बीघा क्षेत्रफल मे खड़ी धान की फसल डूब गई है. सूचना पाकर मौके पर जुटे किसानों ने यदि तत्परता से पुलिया का मुंह बंद नहीं किया होता तो क्षति और अधिक बढ़ सकती थी.

किसानों को दी धान की फसल में कीट व रोग संबंधी जानकारी

नवानगर ब्लॉक अन्तर्गत रामपुर कटराई गांव में गुरुवार को कृषि विभाग द्वारा आयोजित कृषक प्रशिक्षण शिविर में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को धान की फसल में कीट व रोग नियंत्रण सहित कृषि सम्बंधी अन्य सारगर्भित जानकारी दिया.

सूखा पड़ा तो भूखे मरना पड़ेगा, नहीं जुड़ाए खेत

पर्याप्त बारिश न होने के चलते सूखा पड़ने की आशंका से इलाकाई अन्नदाताओं की चिंता बढ़ती जा रही है. कारण, पानी के आभाव में धान की रोपाई के काम पर उल्टा असर पड़ रहा है. साधन संपन्न और नहरों के समीप वाले किसान तो अपने खेतों में धान की रोपाई का काम निर्बाध रूप से कर रहे हैं. भले ही नलकूप का पानी महंगा पड़ रहा है.

बलिया शहर में अंधेरा कायम रहा भिनसहरा तक

मंगलवार की रात हाईटेंशन तार टूट जाने से बलिया शहर की आधी से ज्यादा आबादी इस उमस भरी गर्मी में करवट बदल-बदल कर किसी तरह रात काटी. गौरतलब बात यह है कि भिनसहरा तक आपूर्ति बहाल नही की गई. कृषि मंडी के पास हाईटेंशन तार टूट गया था. बुधवार को दोपहर तक इसे ठीक नहीं किया गया. इसके चलते आसपास के गांव वाले भी परेशान रहे.

बलिया के किसान गोरखपुर के इंस्पेक्टर के भरोसे

बलिया कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम कार्यालय के बगल में भारत सरकार के मौसम विभाग नें ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना की थी, परंतु उसकी देखभाल की जिम्मेदारी किसी को नहीं सौंपी गई. नतीजतन वहां स्थान जंगल में तब्दील हो चुका है, मगर किसी के कान पर जू तक नहीं रेंग रहा है. हैरत की बात तो यह है कि जिला प्रशासन के पास इसके लिए फुरसत ही नहीं है.