कोविड-19 के संक्रमण से जूझ रही दुनिया, घरों में कैद है. आवाम और वे दिन-रात जनमानस की हिफाजत में लगे हैं, जी-जान से. इनके लिए फर्ज पहले और बाद में आता है परिवार. एक महीने से घर के अंदर नहीं हुए दाखिल और दो साल के बेटे की याद आयी तो दायित्वों के निर्वहन के पश्चात ही रुख करते घर की ओर.