गौरतलब है कि 1922 से नगवा में अनवरत रामलीला का मंचन ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है, जिसके 100 वर्ष पूरे होने पर कमेटी के सभी नए तथा पुराने कलाकारों को अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया.
नारद कन्या के हाथ को देखकर मोहित हो जाते हैं. नारद ने विष्णु से प्रार्थना कर सुंदर रूप की मांग करते हैं. इस पर भगवान विष्णु ने उन्हें बंदर का रूप दे दिया. जब नारद को पता चला कि विष्णु ने बंदर का रूप दिया है तो वे क्रोधित होकर विष्णु को श्राप दे देते हैं.