पछुआ हवा के सर्द प्रहार को पराजित करते हुए मकर संक्रान्ति पर हजारों अस्थावानों ने पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ लिया. भीषण ठण्ड से लड़ते हुए नगर व ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का रेला शनिवार को तड़के से ही गंगा तट पर पहुंचना शुरू हुआ, जो काफी दिन चढ़ने तक जारी रहा