बांसडीह (बलिया) से रविशंकर पांडेय
संसद में प्रस्तुत 2020-21 के वित्तीय बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम में सरकार की हिस्सेदारी के कुछ प्रतिशत अंशधारिता को पूंजी बाजार में आइपीओ के माध्यम से बेचने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसको लेकर एलआईसी कर्मी आक्रोशित हैं. इसके विरोध में अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भारतीय जीवन बीमा निगम बांसडीह कार्यालय के बाहर धरना- प्रदर्शन कर विरोध जताया.
मांग की कि सरकार अपना फैसला देश एवं पॉलिसी धारकों के हित में वापस ले. एलआईसी दुनिया में एक नम्बर बीमा कंपनी है. प्रदर्शन में वक्ताओं ने कहा कि यह भविष्य में निश्चित रूप से अधिकांश अंशधारिता के बिक्री के मार्ग को प्रशस्त कर रहा है.
इस प्रकार की घोषणा से भारत के राज्य-स्वामित्व वाले भारतीय जीवन बीमा निगम की मूल प्रकृति को विनाशकारी परिवर्तन की राह पर भेजे जाने की आशंका है, जो पूरे देश के चालीस करोड़ पॉलिसी धारकों और देश को प्रभावित करेगा. आल इंडिया इंश्योरेंस इम्पलाई एसोशिएशन और एलआईसी संगठनों ने इसका विरोध किया. इस मौके पर श्यामा चरण शुक्ल, उमाशंकर यादव, जयप्रकाश पाल, शत्रुध्न सिंह, अनुरुद्ध सिंह, सीताराम सिंह, मुद्रिका प्रसाद, नारायण जी, विक्रम सिंह, ओमशंकर, वेदरत्न वाजपेयी, अंकित अग्रवाल, विकास पटेल आदि मौजूद रहे.