बालेश्वर मंदिर पर किया गया शिवरंजनी का वादन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विद्यार्थी कार्य विभाग ने किया आयोजन
बलिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बलिया नगर के विद्यार्थी कार्य विभाग के आयोजकत्व में अखिल भारतीय घोष दिवस व महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवरंजनी कार्यक्रम के अंतर्गत बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर पर घोष कार्यकर्ताओं ने विभिन्न वाद्यों प्रणव, आनक, शंख, झल्लरी, वंशी एवं तूर्य पर विभिन्न रचनाओं का सामूहिक वादन किया, जिसमें घोष दल के सौ से अधिक कार्यकर्ताओं व बहनों ने घोष का प्रदर्शन किया.

सर्वप्रथम मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्षप्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह विनय सिंह व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं राष्ट्र सेविका समिति बलिया विभाग की विभाग कार्यवाहिका श्रीमती उमा सिंह द्वारा प्रथम सरसंघचालक पूज्य डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार, द्वितीय सरसंघचालक पूज्य माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘श्री गुरुजी’, राष्ट्र सेविका समिति की प्रथम संघचालिका आदरणीया लक्ष्मीबाई केलकर व द्वितीय संघचालिका आदरणीया सरस्वती ताई जी आप्टे के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.

कार्यक्रम में घोष के विभिन्न रचनाओं के प्रदर्शन के साथ ही ध्वजारोपणम, ध्वज प्रणाम एवं ध्वजावतरण के संगत भी रचनाओं का वादन किया गया. तत्पश्चात उपस्थित स्वयंसेवकों व बहनों द्वारा पूर्ण गणवेश में शहर के टाउन हॉल के मैदान से संचलन निकाला गया जो ओकडेनगंज चौकी, सेनानी उमाशंकर सिंह चौराहा, चौक, सिनेमा रोड, हनुमानगढ़ी होते हुए बालेश्वर मंदिर पर पहुंचा जहां शिवरंजनी का वादन किया गया. तत्पश्चात वहां से वापस संचलन करते हुए टाउन हॉल पहुंच कर कार्यक्रम का समापन हुआ.

इस अवसर पर अपने उदबोधन में गोरक्षप्रांत के सहप्रांत कार्यवाह विनय जी ने बताया कि आज संचलन के दौरान यह देखने को मिला कि जितनी संख्या हमारी थी उससे ज्यादा संख्या हमें हर्षित मुद्रा में देख रही थी. उन्होंने आगे बताया कि संघ में घोष की यात्रा 1927 से प्रारंभ हुई. शुरुआत में शंख, बंसी और आनक जैसे मूल वाद्यों पर वादन शुरू हुआ. संघ के स्वयंसेवकों द्वारा अपने अथक प्रयासों से शास्त्रीय रागों के आधार पर रचनाओं का निमार्ण किया गया. उन्होंने बताया कि 1982 के एशियार्ड खेलों में शिवराज भूप रचना का वादन हुआ था जिसका निर्माण संघ के कार्यकर्ताओं ने किया है.
उन्होंने आगे कहा कि संघ ने भारतीय संगीत को घोष के माध्यम से जनसामान्य में प्रचलित करने का अनुपम प्रयोग किया है. भारतीय संगीत मन, आत्मा और शरीर को आनंद और शांति प्रदान करता है.

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घोष दल को विद्यार्थी कार्य विभाग के शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्रेयांश व राष्ट्र सेविका समिति की जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्रेया सिंह ने संचालित किया. अतिथियों का परिचय सायँ विद्यार्थी प्रमुख वाल्मीकि ठाकुर द्वारा कराया गया.
इस अवसर पर बलिया विभाग के विभाग प्रचारक तुलसीराम , उमापति, सत्यव्रत सिंह, डॉक्टर संतोष तिवारी, नगर प्रचारक विशाल, चंद्रशेखर, भोला, अजय पाण्डेय, कृपानिधि पाण्डेय, छत्रपति शिवाजी, प्रचार प्रमुख मारुति नंदन आदि के साथ सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता स्वयंसेवक बन्धु व भगिनी उपस्थित थे.
बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट

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