मनोचिकित्सकों ने बताए तनाव दूर करने के उपाय

  • मनोवैज्ञानिकों के अनुसार काम का अधिक बोझ और पढ़ाई का दबाव बढ़ाते हैं मानसिक तनाव

प्रयागराज से आलोक श्रीवास्तव

कम समय में सबकुछ पा लेने की इच्छा ने तमाम लोगों में तनाव भर दिया है. हालत ये है कि स्कूल जा रहे कमउम्र बच्चे पर भी अधिक नम्बर पाने का दबाव है. माता-पिता पर बच्चे को ज्यादा अंक दिलवाने का दबाव है.

मालूम होना चाहिए कि हर बालक की क्षमता और रुचि अलग-अलग होती है. अभिभावकों को उसी के अनुसार देखना चाहिए. पिता पर धन कमाने का प्रेशर है, घर-परिवार में किसी न किसी मुद्दे को लेकर तनाव तो है ही.

ऐसे हालात को देखते हुए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और कालेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन ने मिलकर ‘तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य’ पर एक कार्यशाला आयोजित की. तनाव को दूर करने के कई उपाय भी बताये.

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मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशान्या राज नैदानिक ने तनाव के प्रकार, मुख्य लक्षण और तनाव को दूर करने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि आज के समय काम का अत्यधिक बोझ और पढ़ाई का दबाव मानसिक तनाव को बढ़ाने का मुख्य कारण है.

मनोचिकित्सक डॉ. राकेश कुमार पासवान से आत्महत्या को रोकने के उपाय, इसके संकेत पहचानने के लिए लोगों को अहम जानकारी दी. बच्चों पर उन्होंने खासकर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव से व्यक्ति हीन भावना का शिकार हो घातक कदम उठा लेता है.

काल्विन अस्पताल में है सुसाइड प्रीवेंशन सेल

मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी टीम ने बताया कि सुसाइड प्रीवेंशन सेल का गठन काल्विन अस्पताल में किया गया है. हाल ही में एक स्कूल की छत से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश करने वाली एक बच्ची को उसकी अध्यापक-अध्यापिका ने बचाया. उनकी मदद से बच्ची की काउंसलिंग कर मनोवैज्ञानिक चिकित्सा द्वारा इलाज किया गया. अब वह बच्ची बेहतर स्थिति में है.

माता-पिता की भूमिका भी अहम

सामाजिक कार्यकर्ता जय शंकर पटेल ने माता-पिता की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि बच्चों की मानसिक रूप से मजबूत बनाने में माता-पिता की अहम भूमिका होती है. साथ ही, भगवानदास तिवारी, राम शिरोमणि मिश्र, अनिल यादव, संजय कुमार और शैलेश कुमार ने भी तनाव से बचने के उपाय बताये.

वक्ताओं ने यही कहा कि तन और मन दोनों के स्वस्थ रहने पर ही हम विकास की ओर बढ़ सकते हैं. कार्यशाला में 40 अध्यापक और अध्यापिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया. मुख्य अतिथि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सह नोडल अधिकारी डॉ. वीके मिश्रा थे. कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन की प्राचार्य शील वर्मा ने कार्यशाला का उद्घाटन किया.

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