4जी के युग में भी नहीं है गांव के घुनसार का कोई विकल्‍प

निया के लोग 4जी के इस युग में चाहे जितना भी तेज दौड़ लगा लें, किंतु उन्‍हें गांव की कुछ परंपराओं का उचित विकल्‍प आज भी नहीं मिल सका है. गांव की उसी परंपरा में से एक है घुनसारी.

हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा-सरयू तड़पती हैं

हमारे जीवन में मां की अहमियत ही कुछ और है. हम चाहे कितने भी कठोर हो जाएं, किंतु मां कठोर नहीं होती, किंतु हम बार-बार वही गलती करे तो फिर मां के दिल पर क्‍या गुजरती है, इसका सहज अनुभव किया जा सकता है.

मूंछें हो तो सिताबदियारा के सरल बैठा जैसी

इंसान के शौक भी अजीब किस्‍म के होते हैं. अब अगर शौक है तो उसमें सनक भी होगी ही. नाम व प्रसिद्धि पाने के लिए कुछ ऐसा ही शौक चढ़ा है जेपी के गांव सिताबदियारा के अंबिका बैठा उर्फ सरल बैठा पर.

चल कबड्डी आस लाल, मर गए प्रकाश लाल, मेरा मूंछ लाल-लाल-लाल-लाल

आज सारा जमाना क्रिकेट पर फिदा है. बच्‍चे-बच्‍चे की जुबान पर क्रिकेट छाया हुआ है, किंतु जेपी के गांव सिताबदियारा के लाला टोला में आज भी कबड्डी खेल की वह पुरानी परंपरा आज भी कायम है.

रामगढ़ में पत्रकार होली मिलन में उड़े अबीर-गुलाल 

रविवार को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के तहसील इकाई बैरिया के बैनर तले द्वाबा के रामगढ़ में आइडियल इंग्लिश स्कूल के प्रांगण में पत्रकार होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया.

पत्रकारों की सुरक्षा के हित में एबीपीएसएस एक मजबूत कड़ी

बिहार के मांझी प्रखंड मुख्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति का एक दिवसीय सम्‍मेलन रविवार को आयोजित किया गया.

जी हां ! इस ड्रेस में तो पढ़ाकू भी गंवार ही लगते हैं

नई सरकार के गठन के सांथ-सांथ प्रदेश स्‍तर पर कुछ बड़ी चुनौतियां भी पहले से ही मुंह बाए खड़ी हैं. इन्‍हीं में से एक है प्रदेश की बिगड़ी शैक्षिक व्‍यवस्‍था. प्राथमिक विद्यालय हो या मिडिल स्‍कूल सभी के पठन-पाठन की व्‍यवस्‍था पर हमेशा अंगुलिया उठते रही हैं.

यूपी ही नहीं, बिहार में भी योगी समर्थकों ने की जमकर आतिशबाजी

मुख्यमंत्री की रेस में जितने भी नाम थे, उनको पीछे छोड़कर जब योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगी तभी से हर कोई वजहें तलाशने लगा है.

सोशल मीडिया पर तो पहले से ही सीएम हो गए थे योगी

यूपी में विधान सभा का चुनाव की तैयारियां चल रही थी. सभी दलों में उच्‍चस्‍तरीय बैठकों का दौर चल रहा था, तभी सोशल मीडिया फेसबुक आदि पर संपूर्ण पूर्वांचल में कट्टर हिंदू नेता गोरखपुर के सांसद आदित्‍यनाथ योगी को यूपी के सीएम के रूप उन्‍हें हजारों लोगों ने प्रस्‍तुत कर दिया था.

आखिर नकल को क्‍यों मिल रही अभिभावकों की आम सहमति

यूपी हाईस्‍कूल, इंटर की बोर्ड परीक्षा में आम अभिभावकों की मंशा अब कुछ इसी तरह की हो चली है. परीक्षा केंद्रों की तस्‍वीरें बताती हैं कि लगभग जगहों पर एक तरह से नकल को अभिभावक आम सहमति दे चुके हैं.

पूर्वांचल के लिए उम्मीद की किरण हैं मनोज सिन्हा

मुख्यमंत्री के रूप में बीजेपी में काफी मंथन के बाद मनोज सिन्‍हा का नाम आने से पूर्वांचल में खुशी की लहर दौड़ गई है. वैसे अभी दो नाम प्रकाश में आ रहे हैं, किंतु मनोज सिन्‍हा का नाम काफी मजबूती से सामने आया है.

पनिया के जहाज से पलटनिया बनके जइहऽ…. हमके ले के अइहऽ हो…..पिया सेनूरा बंगाल के

अंगुलि में डसले बिया नागिनिया रे, ननदी सैंया के जागा द. सासु मोरा मारे रामा, बास के छेवकिया, कि ननदिया मोरा रे सुसुकत, पनिया के जाए, जैसे कई लोक प्रिय धुन जब सुनाई पड़ती हैं तो बरबस ही इन गीतों के रचियता पंडित महेंद्र मिश्र (महेंदर मिसिर) की याद हर भोजपुरी भाषा-भाषी के लोगों को आ ही जाती है.

जयप्रकाशनगर में नकल विहीन परीक्षा की ‘अग्नि परीक्षा’

चुनाव और होली के संपंन होने के बाद आज से हाईस्‍कूल और इंटर के बोर्ड परीक्षा का समर शुरू होने जा रहा है. प्रशासन और विद्यालयों में तैनात शिक्षक इस परीक्षा में सख्‍ती से निबटने के लिए भले ही तैयार हैं, किंतु परीक्षा शुरू होने से पहले ही हर जगह कक्ष निरीक्षकों के अभाव की वही पूरानी कहानी सामने है.

कहीं उड़ा सियासी गुलाल, कहीं रह गया यह मलाल

बैरिया विधान सभा की राजधानी कह लें, या राजनीतिक मंथन का केंद्र, यह है बैरिया तिमुहानी. शुक्रवार शाम का समय है और एक पान की दुकान पर दो जन अपनी पान की गिलौरी मुंह में इत्मीनान से घुलाते हुए राजनीति की चर्चा कर रहे हैं.

गांव की गलियों से सिमट कर अब कमरों में बंद हो गई होली

होली यानि फागुन मस्‍ती का त्‍योहार है. रंग की पहली याद गांव से ही शुरू होती है. बहुत दिन नहीं हुए, अभी एक दशक पहले तक गांव के सभी बुर्जुग, यूवा घर-घर जाकर फाग गाते थे.

हर्बल खोज रहे लोग, केमिकल रंगों से पटा बाजार

अब होली के त्योहार पर आम जन मानस भी जागरूक होता जा रहा है. अब सभी लोग रसायनिक रंगों से परहेज करना करना चाहते हैं और उसके स्‍थान पर हर्बल प्राकृतिक रंगों से होली मनाना चाहते हैं, किंतु उन्‍हें बाजारों में हर्बल रंग ढ़ूंढ़ें नहीं मिल रहा है.

अब न रहेगी उनकी मूंछ, न वह दिखाएंगे अपना चेहरा

विधान सभा चुनाव के छठे चरण का मतदान शांति पूर्ण संपन्न हो गया. सभी लोग अब शांत मुद्रा में जीत-हार के आकलन में जुट गए हैं. हम बात बैरिया विधान सभा की करें तो यहां कुल 03 लाख 39 हजार 872 मतदाताओं के बीच कुल 17 प्रत्‍याशी मैदान में थे. यहां पोलिंग का प्रतिशत 55.16 रहा.

यूपी चुनाव : स्‍कैम, गधा और भी बहुत कुछ

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सत्ता के प्रमुख दावेदार समाजवादी पार्टी, भाजपा और मायावती की बहुजन समाज पार्टी के जीत के दावे-प्रतिदावों के बीच अंतिम चरण के चुनाव तक विकास का मुद्दा पूरी तरह पटरी से उतर गया है.

किसका बढ़ेगा कद और किसकी होगी फजीहत

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के लिए अब सातवें चरण चरण का मतदान होना बाकी है. सभी पार्टियां इसके लिए अपनी ताकत झोंक चुकी हैं. कद्दावर नेताओं से लेकर फिल्‍मी हस्तियों तक को मैदान संभालने के लिए लगाया गया है, किंतु अब जो कुछ भी होना है, हो चुका है.

छपरा में जदयू नेता के खिलाफ पत्रकारों का हल्ला बोल

अभी एक दिन पहले की शाम उत्पाद विभाग द्वारा शराब की भनक लगने पर शहर के एक होटल में छापेमारी की जा रही थी. इसी दौरान वहां मौजूद जेडीयू के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह ने ईटीवी के जिला रिपोर्टर संतोष गुप्ता के साथ न केवल दबंगई की, बल्कि उनका कैमरा और बूम माईक भी छीन लिया.

कहीं सड़कों का अभाव, कहीं खराब मिले ईवीएम

जयप्रकाशनगर से लवकुश सिंह गंगा और घाघरा नदी बीच बसे बैरिया विधान सभा में सुबह के सात बजे से मतदान तो शुरू हो गया, किंतु मतदान केंद्रों पर भीड़ इसके दो घंटे बाद ही …

संदिग्‍ध हालात में मिली बाइक ने पुलिस को उलझाया

यूपी-बिहार की सीमा पर मांझी में स्थित जयप्रभा सेतु पर गुरुवार को दिन के दो बजे के करीब एक लवारिस बाइक खड़ी मिली है, जिसे बिहार की मांझी पुलिस ने अपने कब्‍जे में ले लिया है.

मतदाता ज्यादातर खामोश हैं, मगर प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो चली हैं

विधान सभा चुनाव के छठे चरण के चुनाव में अब कुछ घंटे शेष रह गए हैं. आज की रात, आम लोगों की भाषा में या राजनीति के शब्‍दों में कहें तो सभी प्रत्‍याशियों के लिए कत्‍ल की रात मानी जाती है.

सिताबदियारा में आस्‍था केंद्र सेवादास का शिव मंदिर

कभी सिताबदियारा में ऐसे ही एक महान संत का पदापर्ण हुआ, जिनके बदौलत यहां सेवा दास शिव मंदिर की स्‍थापना संभव हो सकी. महाशिव रात्रि पर वही शिव मंदिर संपूर्ण सिताबदियारा वासियों के लिए आस्‍था का केंद्र बन जाता है.

शार्ट सर्किट से लगी आग में मासूम संग विवाहिता जिंदा जल गई

रिविलगंज थाना क्षेत्र की सीमा अंतर्गत सिताबदियारा के रावल टोला में रविवार की रात बिजली की केबल शार्ट होकर लगी आग में एक मासूम संग विवाहिता जिंदा ही जल गई.