कटान देख दियारे के किसानों की फूलने लगी हैं सांसें 

सिकंदरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा

क्षेत्र के घाघरा नदी का पानी निरंतर धीमी गति से घटान पर है, इसी के साथ क्षेत्र के विभिन्न दियारों में कटान भी जारी है. पानी घटने से दियारे के किसान जहां खुश हैं, वही कटान प्रभावित किसानों में चिंता व्याप्त है. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में करीब 7 सेंटीमीटर की कमी आई है. जबकि करीब डेढ़ बीघा क्षेत्रफल की भूमि विभिन्न फसलों सहित कटान की भेंट चढ़ गई है.

कटान से सर्वाधिक प्रभावित दियारा खरीद का पूर्वी भाग है. जहां किसानों के गन्ना कंद व सब्जी की फसल सहित उपजाऊ भूमि पल पल काटकर नदी में समाहित होती जा रही है. यहां कटान से सर्वाधिक प्रभावित अनिल यादव का खेत है, जिसमें बोई गई गन्ना की फसल सहित जमीन को नदी ने निशाने पर ले बर्बाद करना शुरू कर दिया है.

कटान से प्रभावित सीसोटार का मगही इलाका भी है. वहां नदी उपजाऊ भूमि काटकर अपने आगोश में लेती क्रमशः टीएस बंधा की ओर अग्रसर है. इसी के साथ क्षेत्र के डूंहा स्थित श्री वनखंडी नाथ मठ के पिछले हिस्से में कटान शुरू हो जाने से वहां के साधु इस आस्था केन्द्र के सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे हैं. विभिन्न दियारों में ढाई बीघा क्षेत्रफल की जमीन काटकर नदी में समा चुकी है.

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दियारा खरीद में करीब एक किलोमीटर लंबाई में कटान लगा है. इस दौरान इसकी स्टीमर घाट की जमीन भी कटान की चपेट में आ गई है. जमीन कटते जाने से घाट को क्रमशः दक्षिण की तरफ ले जाना पड़ रहा है. जहां कटान की जो स्थिति है उसे पिछले वर्ष घाट तक जाने वाले पर के मार्ग के अस्तित्व पर लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है. जबकि श्री बनखंडी नाथ मठ डूहां के पिछले हिस्से से सटकर नदी का पानी बहने लगा है. मठ की सुरक्षा हेतु पिछले वर्ष जियो बैग द्वारा बनाई गई बंधे की बोरियां ध्वस्त होती जा रही है, साथ ही मठ भवन के पूरब तरफ की जमीन लगातार कटती जा रही है.

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