दयालु और निर्मलता के प्रतीक थे प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेंद्र प्रसाद

रसड़ा : छितौनी स्थित एक मैरेज हॉल में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रासाद की पुण्यतिथि मनायी गयी. महासभा के सदस्यों ने उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया.

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ राजेन्द्र प्रासाद के तैल चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित और पुष्प अर्पित कर की गयी. अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष ललित मोहन श्रीवास्तव ने कहा की दयालु, सादगी और निर्मलता के प्रतीक थे डा. राजेंद्र प्रसाद.

उन्होंने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले डॉ राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने. वह मानवता की एक प्रतिमूर्ति थे. उनके आदर्शों पर चलकर ही सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है.

इस मौके पर नरेन्द्र श्रीवास्तव, मुकेश श्रीवास्तव, विष्णु प्रकाश, सुशील श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव, प्रशांत श्रीवास्तव, हिमांशु, राजकुमार आदि उपस्थित रहे. संचालन आकाश श्रीवास्तव ने किया.

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