भगवान की तरह बच्चे भी भाव के भूखे होते हैं

दुबहड़ (बलिया)। बालक भगवान के रूप होते हैं, जिस प्रकार भगवान भाव के भूखे होते है, उसी प्रकार यदि बालकों के भावना को ध्यान में रखते हुए उससे सुमधुर व्यवहार किया जाए तो वह अपना, अपने परिवार एवं राष्ट्र में अहम योगदान दे सकता है. उक्त उद्गार क्षेत्र के अड़रा, घोड़हरा स्थित एस़जी़ पब्लिक स्कूल के प्रबंधक अन्नपूर्णा नंद तिवारी ने सोमवार को बाल दिवस समारोह के अवसर पर व्यक्त किया.

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सर्वप्रथम प्रबंधक अन्नपूर्णा नंद तिवारी एवं मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कांत पाठक ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. तत्पश्चात चाचा नेहरू के चित्र पर  माल्यार्पण किया गया. बाल दिवस समारोह के अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया. देश के महापुरुषों के चित्र प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र, छात्राओं को एवं परीक्षाओं मे स्थान प्राप्त छात्र, छात्राओं को विद्यालय की तरफ से मैडल एवं शील्ड प्रदान किया गया. समाज में नेक एवं सराहनीय कार्य के लिए सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी को अंगवस्त्रम एवं डायरी, कलम से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर प्रभुनाथ तिवारी, धर्मराज सिंह, रत्नेश दुबे, परमानंद चौबे, बृजेश पाठक, विक्की राय, पूर्णिमा सिंह, रूही खातून, जूही वर्मा, नीलम पाण्डेय, लल्लन तिवारी, दीपक सिंह, रोहित सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह आदि उपस्थित थे.

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