
Please LIKE and FOLLOW बलिया LIVE on FACEBOOK page https://www.facebook.com/BalliaLIVE
रविशंकर पांडेय, बांसडीह, बलिया
बांसडीह,बलिया. परंपरागत खेती से हटकर बांसडीह क्षेत्र के किसानों को ऐसी फसलों की खेती पसंद आ रही है जिनसे कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सके। इसी क्रम में गेंदे की फूल की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसमें युवा किसान ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी रुचि ले रहे हैं।
लागत कम और मुनाफा ज्यादा
This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE
किसानों के अनुसार एक एकड़ गेंदे की खेती पर करीब 12 से 15 हजार रुपये की लागत आती है और मुनाफा करीब दो लाख रुपये तक हो जाता है। किसानों को आसानी से एक से दो रुपये में पौधा उपलब्ध हो जाता है।
फूलों की बारहों महीने रहती है मांग
गेंदे की फूलों की मांग साल भर बनी रहती है। इनका उपयोग पूजा-पाठ, सजावट और शादी-विवाह में होता है। दीपावली, दशहरा जैसे बड़े त्योहारों पर इनकी कीमतें कई गुना बढ़ जाती हैं।
गेंदे का पौधा रोपाई के 45 से 60 दिन बाद फूल देना शुरू कर देता है और लगातार 5 से 6 महीने तक फूल देता रहता है। किसान अपनी पसंद और बाजार की मांग के अनुसार कई प्रजातियों की खेती कर रहे हैं। गेंदे की रोपाई मुख्य रूप से जून-जुलाई, सितंबर-अक्टूबर और फरवरी-मार्च में की जाती है।
किसान गेंदे की खेती से मिल रहे मुनाफे से खुश
किसान कौशल सिंह –“हमारे क्षेत्र में करीब दो दर्जन किसानों ने लगभग तीस बीघा में गेंदे की खेती की है। इसकी शुरुआत गांव के ही मदन माली ने कलकत्ता से पौधे लाकर की थी। कम लागत और ज्यादा मुनाफा देखकर अब अधिकतर किसान इसमें जुड़ गए हैं।”
किसान विजय कुमार –“पहले हम लोग पौधे कलकत्ता से मंगाते थे। अब हमारे ही बीच के किसान रंजन वर्मा ने नर्सरी शुरू कर दी है। एक पौधा मात्र एक रुपये में मिल जाता है।”
किसान बबलू कुमार –“रवि और भदई (गेहूं-धान) की खेती की तुलना में गेंदे की खेती कहीं बेहतर है। कम लागत और ज्यादा मुनाफा है। सरकार से किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही। अगर प्रोत्साहन मिले तो किसानों का मनोबल और बढ़ेगा।”
युवा किसान रविशंकर सिंह –“हमने तीन एकड़ में गेंदे की खेती की है। पहली बार 2021 में जब गेंदे की खेती की थी तो एक बीघा से करीब ढाई लाख रुपये की कमाई हुई थी। अगर किसी के पास थोड़ी भी जमीन है तो वह गेंदे की खेती कर अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे से कर सकता है। मेरे हिसाब से यह प्राइवेट नौकरी से कहीं बेहतर है।”
कृषि विभाग का मत- कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गेंदे की खेती बागवानी की श्रेणी में आती है और इसकी उपज एवं बाजार मूल्य दोनों ही स्थिर रहते हैं। विभाग की ओर से इच्छुक किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा सकता है।
उद्यान विभाग का बयान- जिला उद्यान अधिकारी अलका श्रीवास्तव ने बताया कि “गेंदे की फूलों की खेती के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है। इसका लाभ खेती करने वाले किसानों को दिया जाता है। अगर किसान इच्छुक हैं तो विभाग से संपर्क कर इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।”
किसानों के लिए नई उम्मीद
गेंदे की खेती ने बांसडीह क्षेत्र के किसानों को नई दिशा दी है। कम मेहनत, कम लागत और अधिक मुनाफे की वजह से यह खेती धीरे-धीरे अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन रही है।
Breaking News और बलिया की तमाम खबरों के लिए आप सीधे हमारी वेबसाइट विजिट कर सकते हैं.
Website: https://ballialive.in/
Facebook: https://www.facebook.com/BalliaLIVE
X (Twitter): https://twitter.com/ballialive_
Instagram: https://www.instagram.com/ballialive/
Threads: https://www.threads.net/@ballialive
अब बलिया की ब्रेकिंग न्यूज और बाकी सभी अपडेट के लिए बलिया लाइव का Whatsapp चैनल FOLLOW/JOIN करें – नीचे दिये गये लिंक को आप टैप/क्लिक कर सकते हैं.
https://whatsapp.com/channel/0029VaADFuSGZNCt0RJ9VN2v
आप QR कोड स्कैन करके भी बलिया लाइव का Whatsapp चैनल FOLLOW/JOIN कर सकते हैं.