सिर पर कलश उठाने से ही सभी मनोकामना पूर्ण : आचार्य शशिकांत

बलिया: शान्ति कुंज हरिद्वार के तत्वावधान में महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर चल रहे 108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ में शान्ति कुंज हरिद्वार से पधारे विद्वान आचार्य शशिकांत सिंह ने बुधवार की देर शाम श्रद्धालुओं को अमृत वचन सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया.

आचार्य सिंह ने कहा कि कलश सिर पर उठाने मात्र सभी मनोकामना पूरी हो जाती है, कलशयात्रा अपने आप में यज्ञ है. उन्होंने कहा कि मनुष्य के किसी पुण्य का उदय होता है तो कलशयात्रा या यज्ञ में भाग लेने का अवसर मिलता है. यज्ञ लोक कल्याण के लिए होता है,वर्तमान परिवेश में हमारी संस्कृति का रूप बिखर गया है.

 

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आचार्य ने कहा कि समय आ गया है कि हम सब मिलकर संस्कृति की सूरत बदलें. सबको ज्ञान गंगा की अमृत छीटें की आवश्यकता है, राजा भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर लाकर अपने 60 हजार पूर्वजों का उद्धार किया था.

अपने वक्तव्य में आचार्य ने कहा कि हमें ज्ञान की गंगा लाकर समाज का उद्धार करना है क्योंकि आज मानवता बेहोश हो गई है, उसे होश में लाना है. सत्कर्मों से मानव तन मिलता है. इसलिए सबको अपने जीवन का लक्ष्य बनाना जरुरी है.

आचार्य ने कहा कि हमने पुण्य किया है तभी सत्संग मिल रहा है, सत्संग का ज्ञान रुपी लाभ तभी काम आयेगा जब कानों से ग्रहण कर अपने जीवन में अमल करें.

प्रधानों ने आचार्य का तिलक लगाकर किया स्वागत

गायत्री महायज्ञ के दौरान बुधवार की देर संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के प्रतिनिधि के रुप में जनाड़ी ग्राम प्रधान घनश्याम पान्डेय व जिलाध्यक्ष प्रधान संघ विमल पाठक ने मां गायत्री, परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य, माता भगवती देवी का पूजन के साथ ही हरिद्वार से आये विद्वान आचार्यों को तिलक लगाकर स्वागत किया.

 गायत्री माता प्राणप्रतिष्ठा का प्रथम वार्षिकोत्सव

बलिया : शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर 108 कुंडीय महायज्ञ व गायत्री माता प्राणप्रतिष्ठा के प्रथम वार्षिकोत्सव को सफल बनाने के लिए गायत्री शक्तिपीठ प्रमुख विजेंदर नाथ चौबे ने कुल 21 विभाग बनाये हैं. इनके दायित्व विभिन्न गायत्री परिजनों को सौंपे गये हैं.

केन्द्रीय कार्यक्रम विभाग प्रमुख लालमोहन सिंह यादव है वहीं यज्ञ संस्कार शाला कंचन चौबे, यज्ञ सुरक्षा व्यवस्था पं.अनिल कुमार द्विवेदी के जिम्मे है. लेखा विभाग कुमारी मनीषा, यज्ञशाला एवं दीप महायज्ञ ममता देवी, शोभायात्रा व साजसज्जा व्यवस्था संजय कुशवाहा संभाल रहे हैं.

आवास व्यवस्था का दायित्व विवेक जी व कृष्णा जी के पास जबकि श्री राम स्मृति उपवन हेमवंती उपाध्याय और कंचन उपाध्याय के पास है. भोजनालय अशोक सिंह और संजय जी संभाल रहे हैं.
वहीं प्रदर्शनी व्यवस्था गोपाल जी, मंदिर व्यवस्था बेबी देवी और सरोज देवी, स्वागत-पूछताछ अनपूर्णादेवी और शांति देवी ने संभाला है.

शांतिकुंज आवास/आचार्य स्वागत कुमारी दिव्यांजली, चिकित्सा व्यवस्था संतोष श्रीवास्तव/ बंदना श्रीवास्तव, साधना कक्ष जगन्नाथ ओझा, मीडिया और प्रबुद्ध वर्ग राकेश पान्डेय, आचार्यों की मंच व्यवस्था कुमारी पूजा पान्डेय, सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग कु.आभा संभाल रहे हैं.

केन्द्रीय भंडारण अशोक सिंह और नागेंद्र वर्मा, जल व्यवस्था और यातायात गाटर यादव, सफाई व्यवस्था अमन गुप्ता,विद्दुत/माइक व्यवस्था पप्पू जी को दी गई है. यज्ञशाला प्रभारी ममता देवी ने अपने टीम के 108 सहयोगियों के साथ काफी सराहनीय योगदान दिया.

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