सभी को अपने कर्म का फल भोगना पड़ता है संसार में : साधना

बलिया : दुबहर क्षेत्र के ग्रामसभा ओझा कछुआ (सरबहनपुर) में सरस्वती पूजा समारोह में मां शारदा भक्त कमेटी के तत्वावधान में श्री रामकथा का संगीतमय प्रवचन आयोजित किया गया. प्रवचनकर्ता साधना जी ने कहा कि इस संसार में कर्म की प्रधानता है.

उन्होंने कहा कि जो जैसा कर्म करता है उसे उसका फल स्वयं भुगतना पड़ता है. ‘कर्म प्रधान विश्व करि राखा, जो जस करहिं सो तस फल चाखा.’ स्वयं भगवान भी अपने को कर्मफल से दूर नहीं रख सके. इस मर्यादा में खुद बंध गए.

प्रवचनकर्ता ने कहा कि जब भगवान राम ने छिपकर बलि का वध किये तो इसका फल कृष्ण जन्म में बहेलिये द्वारा बाण से भेदे जाने पर प्राप्त हुआ. जब राजा दशरथ श्रवण कुमार को बाण से मारे को श्रवण कुमार के माता-पिता के ने उनको श्राप दिया था.

उन्होंने श्राप दिया था कि जिस प्रकार हम अपने पुत्र के वियोग में तड़प – तड़प कर मर रहे हैं, उसी तरह तुम भी पुत्र वियोग में तड़प – तड़प कर ही मरोगे.

प्रवचनकर्ता साधना ने कहा कि राजा दशरथ की भी मृत्यु अपने पुत्र भगवान राम के वियोग में तड़प- तड़प कर ही हुई. भगवान खुद अपने पिता को कर्म फल से छुड़ाने में असमर्थ रहे. इसीलिए भगवान की इस व्यवस्था को ध्यान में रखें और हमेशा हम सभी लोगों को अच्छे कर्म ही करना चाहिए.

इस मौके पर गोलु दुबे, अनुराग दुबे, मंटू यादव, विनीत यादव, अनिल यादव, राहुल गुप्ता, राजकुमार अजीत, धनजी गुप्ता और क्षेत्र के सैकड़ों लोग मौजूद रहे.

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