


बलिया. जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय को चालू वर्ष में पांच पीजी डिप्लोमा कोर्स और चार पीजी डिग्री कोर्स पढ़ाने की अनुमति मिली है. यह जानकारी कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी. उन्होंने कहा कि नए कोर्सेज के लिए राज्यपाल की स्वीकृति मिल गई है, इससे जिले में रोजगार सृजन और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
कुलपति ने कहा कि जननायक चंद्रशेखर विवि में शैक्षणिक माहौल को गति देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत रोजगारपरक विषयों की पढ़ाई शुरू करने पर जोर है. उन्होंने कहा कि पर्ल कल्चर, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, योगा एंड नैचुरोपैथी, जीएसटी और टूरिज्म एंड हास्पिटैलिटी में पीजी डिप्लोमा कोर्स की अनुमति मिली है, वहीं इसके एमएससी एजी हार्टिकल्चर, एमएससी फिशरीज, एमएससी फिजिक्स और एमएससी मैथ के डिग्री कोर्स खोलने की भी अनुमति राज्यपाल द्वारा दी गई है. उन्होंने कहा कि पीजी डिप्लोमा और पीजी के चार विषयों के अलावा अगले साल से कृषि और विज्ञान के रूप में दो संकाय बढ़ जाएंगे. इसके तहत बीएससी कृषि भी शुरू होने वाला है. इसके लिए भी प्रयास चल रहे है.
पांच वर्षीय एलएलबी, फार्मेसी और नर्सिंग भी होगा शुरू

कुलपति ने कहा कि पांच वर्षीय एलएलबी, फार्मेसी और नर्सिंग भी शुरू किया जाएगा. इन विषयों को प्रारंभ करने से विवि इस जिले व क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने में सफल हो सकेगा. विवि परिसर में निर्मित हो रहे भवन के पांच ब्लाक अगले साल जून तक उपलब्ध हो जाएंगे. अध्ययन की सुविधाएं बढ़ जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस विवि को स्थापित करने के लिए बलिया के लोगों आगे आना चाहिए. सब मिलकर इस विवि को ऊंचाई पर ले जाएंगे. प्रेस कांफ्रेंस में विवि के पीआरओ डा. जैनेंद्र पांडेय, डा. अखिलेश राय और डा. प्रमोद शंकर पांडेय मौजूद थे.
केले का छिलका व अरहर के डंठल से बनाएंगे विभिन्न उत्पाद
कुलपति ने विवि की विस्तारवादी नीतियों की जानकारी देते हुए कहा कि देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के साथ लगातार वार्ता चल रही है. फिलहाल राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वीसी और जिले के ही निवासी प्रो. आरसी श्रीवास्तव के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है. इसमें केले का छिलका और अरहर के डंठल के उत्पाद बनाने की तकनीक सिखाई जाएगी. इससे भी रोजगार के अवसर सृजित होंगे. उन्होंने कहा कि सर्टिफिकेट कोर्स के लिए राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के साथ भी एमओयू हस्ताक्षर किया जा रहा है। इग्नू से भी सर्टिफिकेट कोर्स के लिए एमओयू की बात चल रही है. इसके लिए दो नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं.