
बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र
बैरिया थाना अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा के पास एनएच 31 के किनारे के गड्ढे में कई दिनों की सड़ी गली लाश मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. सूचना पर एसएचओ बैरिया संजय त्रिपाठी सदल बल पहुंचकर शव को गड्ढे से बाहर निकलवाए. वहां शव की पहचान विगत 6 अगस्त से लापता 35 वर्षीय मोहन ऊर्फ किरोधर धोबी पुत्र उदय धोबी निवासी इब्राहिमाबाद के रूप में हुई. शव की पहचान मृतक के पिता व भाइयों ने की.
घटनास्थल पर पहुंचे इब्राहिमाबाद गांव के मोहन उर्फ किरोधर के परिजनों ने बताया कि मोहन भट्ठे से ईंट ढुलाई का काम करता था. इस मामले में बैरिया थाने में मोहन की पत्नी प्रियंका देवी की तहरीर पर 10 अगस्त को बैरिया पुलिस ने गुमशुदगी भी दर्ज की थी. बैरिया थाने में दी गई तहरीर में सरस्वती देवी पत्नी मोहन ने बताया था कि 6 अगस्त को उसके पति उसके मायके बैरिया रकबा टोला उसके पिता के पास गए थे. उनके साथ भागेलु धोबी निवासी मूंज के डेरा, इब्राहिमाबाद थे. वहां पर उसके पति उसके पिता से 30 हजार लेकर भागेलु के साथ घर इब्राहिमाबाद लौटने को कह कर 11.00 बजे के लगभग चले थे. वह जब घर नहीं लौटे तो उनकी काफी खोजबीन की गई, लेकिन वह घर नहीं लौटे. और न ही कहीं से उनकी कोई सूचना मिली.

बैरिया पुलिस ने 10 अगस्त को ही गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर लिया था. इधर शव को थाने में लाकर पंचनामे के बाद पुलिस ने अंत्य परीक्षण के लिए बलिया भिजवा दिया. पूछे जाने पर एसएचओ संजय त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में पहले से गुमशुदगी दर्ज है. शव काफी सड़ी गली अवस्था में है. मृतक के पास से काफी भीगे और एक दूसरे से चिपके हुए कुछ नोट बरामद हुए हैं, जिसे सुखाया जा रहा है. बाकी जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार है.
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यहां यह भी गौरतलब है कि इसी माह बैरिया थाना अंतर्गत गुमशुदगी और शव मिलने की दो घटनाएं हो गईं. पहली घटना पूर्वांचल बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र संचालक के साथ की है, और आज की घटना सामने आई है. क्षेत्र में कुछ अपहरण और फिरौती जैसे मामले भी सामने आए हैं. जिसमें पुलिस सफल तो रही, लेकिन लगातार हो रही घटनाओं से लोगों में कानून व्यवस्था को लेकर संशय है.

इब्राहिमाबाद निवासी समाजसेवी निर्भय सिंह गहलोत का कहना है कि इसी मामले में मोहन के साथ दूसरा जो व्यक्ति था, जैसा की तहरीर में उसकी पत्नी ने लिखा भी है, अगर पुलिस उससे पूछताछ की होती तो शायद घटना का खुलासा पहले हो गया होता, या फिर यह घटना ही नहीं हुई होती.